नई दिल्लीः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कर्नाटक में कांग्रेस की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के एक दिन बाद इतवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर उनसे मुलाकात की. इससे पहले नीतीश कुमार ममता बनर्जी, स्टालिन, अखिलेश यादव, नविन पटनायक, शरद यादव और उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर चुके हैं. कर्नाटक सरकार के शपथ समारोह में कई गैर-भाजपाई राज्य सरकार के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया था, हालांकि इसमें केजरीवाल को नहीं बुलाया गया था. इस समारोह को विपक्षी दलों द्वारा विपक्षी एकजुटता के प्रदर्शन के तौर पर भी देखा गया था.

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सभी गैर भाजपाई दलों को नीतीश ला रहे हैं एक मंच पर 
नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों के बीच एकता कायम करने की अपनी कोशिशों के तहत अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की है. इस दौरान, बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव भी उनके साथ मौजूद थे. गौरतलब है कि यह नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल के बीच पिछले लगभग एक महीने में दूसरी मुलाकात थी. इस इस रूप में भी देखा जा रहा है कि विपक्षी एकता के मार्ग में केजरीवाल बड़ी बाधा बन सकते हैं.


वह शायद कांग्रेस के साथ बनने वाले गठबंधन का हिस्सा बनने से इंकार कर दे. इससे पहले ममता बनर्जी और अखिलेश यादव भी किसी भी गठबंधन में कांग्रेस के साथ जाने से परहेज कर रहे थे, लेकिन कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के जीतने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी दोनों के सुर बदल गए हैं और दोनों ने जरूरत पड़ने पर कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया है. इस संदर्भ में पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती भी कांग्रेस की तारीफ कर चुकी हैं. ऐसे में केजरीवाल को साधना ही विपक्षी एकता की दिशा में एक बड़ा काम रह गया है, जिसे नीतीश कुमार साधने की कोशिश कर रहे हैं.

नीतीश विपक्षी एकता में कांग्रेस को मानते हैं अहम भागीदार 
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने के अपने प्रयासों के तहत पिछले 12 अप्रैल को केजरीवाल के आवास पर उनसे मुलाकात की थी. विपक्षी एकजुटता की कवायद के तहत नीतीश विभिन्न क्षेत्रीय क्षत्रपों से मुलाकात कर रहे हैं, हालांकि, अभी ठोस रूप नहीं ले सकी है. नीतीश विपक्षी दलों के बीच एकता कायम करने की किसी भी कोशिश के लिए कांग्रेस को बेहद अहम मानते हैं.


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