UP Rape News: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ने कहा है कि लंबे समय से आपसी रजामंदी से हुआ व्यभिचार जिसमें शुरू से धोखाधड़ी का कोई तत्व मौजूद नहीं हो, रेप नहीं होगा. अदालत ने शादी का वादा करने के बहाने एक महिला से रेप करने के मुल्जिम के खिलाफ आपराधिक मुकदमा रद्द कर दिया. अदालत ने यह भी कहा कि जब तक यह साबित ना हो कि शुरू से ही ऐसा झूठा वादा किया गया था, तब तक शादी का वादा करके रजामंदी से यौन संबंध बनाना रेप नहीं की कटेगरी में नहीं आता.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अदालत का आदेश
अदालत ने कहा, "जब तक यह साबित ना हो कि ऐसे रिश्ते की शुरुआत से मुल्जिम की तरफ से ऐसा वादा करते वक्त उसमें धोखाधड़ी के कुछ तत्व मौजूद हों, तो इसे शादी का झूठा वादा नहीं माना जाएगा." श्रेय गुप्ता नाम के शख्स की तरफ से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए जज अनीश कुमार गुप्ता ने मुरादाबाद की अदालत में लंबित आपराधिक मुकदमे को रद्द कर दिया. याचिकाकर्ता के खिलाफ एक औरत की शिकायत पर रेप का मामला दर्ज किया गया था. मुरादाबाद में महिला थाने में दर्ज FIR में महिला ने इल्जाम लगाया कि याचिकाकर्ता ने उसके पति की मृत्यु के बाद शादी का बहाना कर उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए थे.


यह भी पढ़ें: Ballia Rape News: 16 साल की मुस्लिम लड़की के साथ आकाश गोंड ने किया रेप, आरोपी गिरफ्तार


शादी के झांसे में रेप
महिला का दावा था कि गुप्ता ने कई बार शादी करने का वादा किया, लेकिन बाद में वादा तोड़ दिया और एक दूसरी औरत के साथ रिश्ते में आ गया. शिकायतकर्ता महिला ने यह इल्जाम भी लगाया कि गुप्ता ने यौन संबंध का वीडियो जारी नहीं करने के लिए उससे 50 लाख रुपये की मांग की थी. महिला की शिकायत पर निचली अदालत ने नौ अगस्त, 2018 को दाखिल आरोप पत्र को संज्ञान में लिया. 


क्या है पूरा मामला?
इसके बाद मुल्जिम ने आरोप पत्र और पूरे आपराधिक मुकदमे को रद्द करने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया. तथ्यों पर गौर करने के बाद अदालत ने पाया कि शिकायतकर्ता महिला और आरोपी व्यक्ति के बीच करीब 12-13 साल शारीरिक संबंध कायम रहा और यह संबंध उस समय से है, जब महिला का पति जीवित था. अदालत ने पाया कि शिकायतकर्ता महिला ने अपनी उम्र से काफी छोटे व्यक्ति जो उसके पति की कंपनी में कर्मचारी था, पर अनुचित प्रभाव जमाया. नईम अहमद बनाम हरियाणा सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए हाई कोर्ट ने दोहराया कि शादी के हर वादे को तोड़ने को झूठा वादा मानना और रेप के अपराध के लिए एक व्यक्ति पर मुकदमा चलाना मूर्खता होगी.