Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हिंदू पक्ष को बड़ा झटका लगा है. मथुरा में मौजूद शाही ईदगाह का सर्वे नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आज उत्तर प्रदेश के मथुरा में 17वीं सदी की शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वे करने के लिए एक आयुक्त नियुक्त करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. इससे पहले उच्च न्यायालय ने- वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में किए गए सर्वे की तर्ज पर - अदालत की तरफ से नियुक्त किए गए अधिवक्ता आयुक्त द्वारा सर्वे को मंजूरी दे दी थी.


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हिंदू संगठनों ने दावा किया कि मस्जिद भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर बनाई गई थी और सर्वेक्षण की मांग की थी. इस मांग को पिछले साल दिसंबर में एक स्थानीय अदालत ने स्वीकार कर लिया था लेकिन मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट में आपत्ति दायर की थी.
    
हिंदू पक्ष ने मथुरा की एक अदालत में याचिका दायर कर विवादित 13.37 एकड़ भूमि के पूर्ण स्वामित्व की मांग की थी, जिसमें दावा किया गया था कि सदियों पुरानी मस्जिद का निर्माण कटरा केशव देव मंदिर को तोड़कर किया गया था. उन्होंने इल्जाम लगाया कि यह मुगल सम्राट औरंगजेब ने यह आदेश दिया था.


सबूत के तौर पर याचिकाकर्ताओं का दावा है कि मस्जिद की कुछ दीवारों पर कमल की नक्काशी मौजूद है, साथ ही कथित तौर पर 'शेषनाग' की आकृतियाँ भी मौजूद हैं - जो हिंदू पौराणिक कथाओं में साँप के देवता हैं. उन्होंने तर्क दिया था कि इससे पता चलता है कि मस्जिद मंदिर के ऊपर बनाई गई थी.


मुस्लिम पक्ष ने पहले 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का हवाला देते हुए याचिका को खारिज करने की मांग की थी, जो किसी भी पूजा स्थल की धार्मिक स्थिति को 15 अगस्त, 1947 की तरह बनाए रखता है.