Noida Authority: नोएडा अथॉरिटी की रेसिडेंशियल प्लाट स्कीम की नीलामी में  हैरान करने वाली ख़बर सामने आई है. आवासीय स्कीम के तहत अफसरान व कर्मचारियों से साज़-बाज़ करके प्लॉट की असल कीमत से कई गुना ज़्यादा दाम रखा गया.  प्लॉट की असल क़ीमत 9.31 करोड़ थी जबकि इसकी क़ीमत एक हज़ार करोड़ रखी गई. जिससे ख़ुद अथॉरिटी के अफसरान भी हैरान हो गए हैं. नोएडा के सबसे पॉश सेक्टर 44 में 143बी स्थित 450 वर्ग मीटर के आवासीय भूखंड को ई-नीलामी में 1125 करोड़ 71 लाख 71 हजार 875 में ख़रीदने के लिए बोली लगाई गई, जबकि इस प्लॉट का बेस प्राइस 9 करोड़ 31 लाख 21 हज़ार 875 रुपए था.


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असल दाम से कई गुना ज़्यादा नीलामी 
इस मामले में जानकारों का कहना है कि बोली लगाने वाले अब तकनीकी ख़ामी बताकर शिकायत दर्ज करा रहे हैं, ताकि भूखंड नीलामी के लिए जमा की गई ईएमडी को ज़ब्त होने से बचाया जा सके. प्राधिकरण के प्रवधान के अनुसार सर्वाधिक बोली लगाने वालों की एप्लिकेशन ख़ारिज होने के बाद दूसरे नंबर की बोली लगाने वालों को प्लॉट अलॉट कर दिया जाएगा. ज़राए का कहना है कि दूसरे नंबर की बोली कम लगाई गई यानि कम दर पर भूखंड की बोली लगाने वाले को भूखंड का आवंटन कर दिया जाएगा, जबकि सबसे ज़्यादा बोली लगाने वाले की ईएमडी तकनीकी ख़ामी बताकर वापस कर दी जाएगी.


मामले की  जांच शुरू
इसी सेक्टर में नीलामी के पहले दिन 350 स्कॉयर मीटर के सी-236 भूखंड को 49 करोड़ 67 लाख 66 हजार 925 रुपये की बोली पर ख़रीदा गया, जबकि इसकी असल क़ीमत नोएडा अथॉरिटी ने चार करोड़ 96 लाख 66 हजार 925 रुपये तय की थी. इसी तरह सेक्टर-105 के 112.5 वर्ग मीटर के डी-187 प्लॉट के लिए 11 करोड़ 93 लाख सात हजार 890.63 रुपये की बोली लगाई गई, जबकि इस प्लॉट के लिए नोएडा अथॉरिटी ने 94 लाख दो हजार 890.63 रुपये की दर तय की थी. नोएडा अथॉरिटी की आवासीय भूखंड विभाग की ओएसडी ज्योत्सना यादव के मुताबिक़ ब्रोशर में साफ़ तौर पर लिखा हुआ है कि अगर कोई ग़लत तरीके से ई-नीलामी करता है, तो उसके ख़िलाफ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी. वहीं अब इस मामले की  जांच शुरू कर दी गई है.


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