Sharifuddin Ahmed: नवरात्रि शुरू होने में कुछ दिन ही बाक़ी हैं. लोगों ने नवरात्र और दुर्गा पूजा के लिए अभी से तैयारियां में लग गए हैं. दुर्गा पूजा को बंगाल में ख़ास तौर से मनाया जाता है. पंडालों को बेहद खूबसूरत तरीक़े से सजाया जाता हैं. पंडालों को सजाने की परंपरा हर शहर में तक़रीबन पूरी हो चुकी है. दुर्गा पूजा के लिए सभी लोग पूरे साल इंतेज़ार करते हैं और पूजा को हर तरह से ख़ास बनाने की कोशिश करते हैं. बड़ी तादाद में लोग नवरात्रि के दौरान पंडालों में देवी दुर्गा की प्रतिमा के दर्शन के लिए आते हैं.


कई बार अवार्ड दिया जा चुका है


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Guwahati: गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश करते हुए गुवाहाटी के रहने वाले नूरुद्दीन अहमद पिछले 30 बरसों से मूर्ति और पंडाल बनाने का काम पूरी लगन से करते आ रहे हैं. दुर्गा पूजा के समय पूरे असम में  नूरुद्दीन अहमद की बनाई हुई मूर्तियों को काफी पसंद किया जाता है. बड़े-बड़े पूजा पंडालों को विशेष तौर से सजाने के लिए नूरुद्दीन अहमद को कई बार ऐज़ाज़ से नवाज़ा जा चुका हैं. 


बौद्ध मंदिर के डिज़ाइन का पंडाल


कोरोना महामारी की वजह से पिछले 2 साल त्योहारों को सादगी के साथ मनाया गया था, इस दौरान नूरुद्दीन अहमद के पास मूर्तियां बनाने और पंडालों को सजाने के लिए कोई काम नहीं था लेकिन इस साल वो एक ख़ास पूजा पंडाल और मूर्तियां बनाने की तैयारियों में मसरूफ़ नज़र आ रहे हैं. दरअसल इस बार दुर्गा पूजा के लिए नूरुद्दीन अहमद कंबोडिया में स्थित बौद्ध मंदिर की तरह ही एक मंदिर का डिज़ाइन तैयार कर रहे हैं . जिसमें देवी की विशाल मूर्तियों को रखा जाएगा. इस मंदिर का डिज़ाइन मशहूर बौद्ध मंदिर की तरह होगा. इस काम को नूरुद्दीन बेहद अक़ीदत के साथ अंजाम दे रहे हैं.


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नूरुद्दीन अहमद की हो रही तारीफ़


मूर्तिकार नूरुद्दीन अहमद से ज़ी सलाम ने ख़ास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि पिछले 2 बरसों से लोग त्योहारों को सही तरीक़े से सेलेब्रेट नहीं कर पाए इसलिए इस बार दुर्गा पूजा में कुछ नया करने की चाहत में मंदिर के डिज़ाइन वाला पंडाल तैयार किया जा रहा है, ताकि पंडालों में लोगों को नयापन नज़र आए. अभी इस नए डिज़ाइन को तैयार करने के लिए पूरे असम में नूरुद्दीन अहमद की ख़ूब तारीफ़ की जा रही है.


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