नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक एडवाइजरी जारी कर भारती नागरिकों को ईरान और इसराइल की यात्रा करने से मना कर दिया है.  मंत्रालय ने अपने एडवाइजरी में कहा कि इन देशों में मौजूदा हालात को देखते हुए, सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे इन देशों की अगले आदेश तक यात्रा न करें. विदेश मंत्रालय के इस आदेश के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल दागे हैं. 


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हैदराबाद सांसद औवेसी ने कहा कि मोदी सरकार ने एडवाइजरी जारी कर भारतीयों से इसराइल न जाने को कहा है.  फिर भारतीयों को इसराइल क्यों भेज रहा है? यदि वह सुरक्षित नहीं है, तो भारतीयों को मौत के जाल में क्यों भेजा जा रहा है? क्या नरेंद्र मोदी उनकी सुरक्षा की व्यक्तिगत जिम्मेदारी ले रहे हैं? इराइल नरसंहार करने की फिराक में है, उसे गरीब भारतीयों की सुरक्षा की कोई परवाह नहीं है. भारतीय श्रमिकों का निर्यात तुरंत रोका जाना चाहिए, और जो पहले से ही वहां हैं उन्हें वापस लाया जाना चाहिए.


बता दें कि हाल के दिनों में  भारत से हजारों मजदूर इसराइल काम करने गए हैं और छह हजार से ज्यादा मजदूरों दो महीने के अंदर इसराइल भेजने की तैयारी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद भारत देश के निर्माण काम के लिए  अप्रैल और मई महीने में 6,000 से ज्यादा मजदूरों को भेजने की तैयारी में है, जिसके लिए इसराइल ने तैयारी भी कर ली है. 


इसराइली सरकार द्वारा बुधवार देर रात जारी एक बयान में कहा गया है कि चार्टर उड़ानों पर सब्सिडी देने पर इसराइली प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), वित्त मंत्रालय और निर्माण और आवास मंत्रालय के संयुक्त फैसले के बाद उन्हें "एयर शटल" के द्वारा इसराइल लाया जाएगा.


भारतीय दूतावास ने लोगों से की ये अपील 
दूसरी तरफ, भारतीय विदेश मंत्रालय के एडवाइजरी जारी करने के बाद इसराइल में स्थित भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को इसराइल में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए काउंसलिंग किया है और सभी लोगों अनावश्यक यात्रा से बचने का आग्रह भी किया.


दूतावास द्वारा अपने सोशल मीडिया पर जारी एक 'महत्वपूर्ण सलाह' में कहा गया है, "क्षेत्र में मौजूदा सुरक्षा हालात को देखते हुए, इसराइल में सभी भारतीय नागरिकों को अनावश्यक यात्रा से बचने, शांत रहने और स्थानीय अफसरों द्वारा जारी सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है." इसमें कहा गया है, "दूतावास हमारे सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसराइली अफसरों के संपर्क में है."


क्या है पूरा मामला?
ईरान ने 1 अप्रैल को दमिश्क में अपने राजनयिक भवन पर हुए हमले के लिए इसराइल को दोषी ठहराया है. इस हमले में ईरान के दो प्रमुख कमांडरों समेत कई लोग मारे गए थे. जिसके बाद ईरान ने इस हमले का बदला लेने की कसम खाई है.