One Nation One Election Proposal: 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. 'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल शीतकालीन सेशन में पार्लियामेंट में पेश किया जाएगा. देश के पूर्व राष्ट्रपति ने रामनाथ कोविंद की अगुआई में कमेटी ने रिपोर्ट तैयार की है.


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'वन नेशन-वन इलेक्शन' की रिपोर्ट सौंपी
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई वाली समिति ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' की संभावनाओं पर मार्च में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट में दिए गए सुझावों के मुताबिक, पहले कदम के तौर पर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने चाहिए. कमेटी ने आगे सिफारिश की है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होने के 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव भी कराए जाने चाहिए. इससे देश भर में एक निश्चित समयावधि में सभी स्तरों पर चुनाव कराए जा सकेंगे. 


रिपोर्ट में क्या कहा गया
वर्तमान में राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव अलग-अलग होते हैं. रिपोर्ट में कहा था कि एक साथ चुनाव कराने से संसाधनों को बचाने, विकास और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा देने, ‘‘लोकतंत्र की नीव’’ को मजबूत करने और भारत की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद मिलेगी


राज्यों से लेनी होगी परमिशन
अभी लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की जिम्मेदारी भारत के चुनाव आयोग की है, जबकि नगर निगमों और पंचायतों के लिए स्थानीय निकाय चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग कराते हैं. समिति ने 18 संवैधानिक संशोधनों की सिफारिश की, जिनमें से ज्यादातर को राज्य विधानसभाओं द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता नहीं होगी. हालांकि, इसके लिए कुछ संविधान संशोधन विधेयकों की आवश्यकता होगी, जिन्हें संसद द्वारा पारित करने की जरूरत होगी. एक मतदाता सूची और एक मतदाता पहचान पत्र के संबंध में कुछ प्रस्तावित परिवर्तनों के लिए कम से कम आधे राज्यों द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता होगी.


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