एक तरफ पिता और दूसरी तरफ पार्टी; राष्ट्रपति चुनाव में कौन सा धर्म निभाएंगे ज्यंत सिन्हा ?
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार के तौर पर जहां भाजपा सांसद ज्यंत सिन्हा के पिता यशवंत सिन्हा मैदान में हैं, वहीं भाजपा की तरफ से द्रोपदी मुर्मू मैदान में होंगी. ऐसे में लोग पूछ रहे हैं कि ज्यंत सिन्हा पिता धर्म निभाएंगे या पार्टी धर्म?
रांचीः केंद्र में भाजपा गठबंधन की सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए द्रोपदी मुर्मू का नाम पेश कर दिया है, जबकि विपक्षी दलों ने अपने साझा उम्मीदवार के तौर पर पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिंह का नाम आगे किया है. ऐसे में लोगों के मन में एक बड़ा सवाल है कि यशवंत सिन्हा के पुत्र और भाजपा सांसद जयंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के लिए किस उम्मीदवार को अपना वोट देंगे? एक तरफ जहां उनके पिता हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी के प्रतिबद्धता आड़े आएगी. ऐसे में ज्यंत सिन्हा पिता धर्म निभाएंगे या पार्टी धर्म?
उल्लेखनीय है कि बुधवार को एक पोस्ट में जयंत सिन्हा ने द्रौपदी मुर्मू को एनडीए की जानिब से राष्ट्रपति ओहदे के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर उन्हें बधाई दी है, और इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के सद्र जयप्रकाश नड्डा का शुक्रिया अदा किया है. उन्होंने द्रौपदी मुर्मू के साथ अपनी एक पुरानी तस्वीर भी शेयर की है.
वीडियो संदेश जारी ज्यंत सिन्हा ने साफ किया अपना रुख
ऐसे में झारखंड के हजारीबाग क्षेत्र के सांसद जयंत सिन्हा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि वे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और पार्टी के सांसद हैं और इस नाते अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करेंगे. जयंत सिन्हा ने कहा है कि पत्रकार उनसे सवाल पूछ रहे हैं. वह साफ कर देना चाहते हैं कि उनके पिता विपक्ष के उम्मीदवार हैं, लेकिन यह उनके लिए कोई पारिवारिक मामला नहीं है. उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा है, विपक्ष द्वारा मेरे पिता श्री यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी घोषित किया गया है. मेरा निवेदन है कि आप सभी इसे पारिवारिक मामला न बनाए.
हजारीबाग के एक ही घर में रहते हैं पिता-पुत्र
जयंत सिन्हा हजारीबाग आवास ऋषभ वाटिका में अपने पिता यशवंत सिन्हा के साथ रहते हैं. हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से तीन बार भाजपा के टिकट पर सांसद और केंद्र में मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा की गुजारिश पर पार्टी ने वर्ष 2014 में उनकी जगह उनके पुत्र जयंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया था. चुनाव जीतने के बाद ज्यंत सिन्हा केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में राज्यमंत्री भी बने. वर्ष 2019 में जयंत सिन्हा ने दोबारा इस सीट पर जीत दर्ज की है. वहीं, यशवंत सिन्हा ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की तीखी आलोचना करते हुए पार्टी से दूरी बना ली है. यशवंत सिन्हा कुछ माह पहले ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में भी औपचारिक तौर पर शामिल हो गए थे.
अपने पति के समर्थन में खड़ी हैं ज्यंत की मां नीलीमा सिन्हा
मंगलवार को विपक्ष की जानिब से यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने का ऐलान होने के साथ ही हजारीबाग स्थित उनके आवास पर बड़ी तादाद में उनके समर्थक वहां जमा हो गए और वहां मिठाइयां बांटी गईं. इन सबके बीच जब लोग सोशल मीडिया पर जयंत सिन्हा से उनके रुख और पुत्र धर्म को लेकर सवाल पूछने लगे तो उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर अपना रुख साफ करने की कोशिश की है. यशवंत सिन्हा की पत्नी नीलीमा सिन्हा भी सोशल मीडिया पर खासा सक्रिय रहती हैं. उन्होंने अपने पति की उम्मीदवारी घोषित होने के बाद एक टीवी चैनल पर उनके बारे में चलाई जा रही खबर की स्क्रीनशॉट फेसबुक पर शेयर किया है.
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