अडानी मुद्दे पर संसद से सड़क पर आ गया 18 विपक्षी दल, सरकार ने दिखा दी औकात !
कई विपक्षी दलों के नेताओं ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय से अडानी समूह के खिलाफ जांच शुरू करने का आग्रह किया है. जब विपक्षी नेता संसद से ईडी दफ्तर अपना मेमोरेंडम देने जा रहे थे तभी पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक दिया.
नई दिल्लीः अडानी के मुद्दे को लेकर अब विपक्षी संसद से लेकर सड़क तक सरकार को घेरते हुए नजर आ रहा है, जबकि सरकार इस विपक्षी के इस मांग पर चुप्पी साध कर बैठ गई है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार द्वारा अडानी के मुद्दे पर जवाब देने के बजाए सदन में भाजपा सांसद राहुल गांधी के लंदन में दिए भाषण को लेकर राहुल से माफी मंगवाने पर अड़ गए हैं.
उधर, केंद्र सरकार को घेरने के लिए बुधवार को 17 विपक्षी दलों ने संयुक्त तौर पर संसद भवन से प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय तक मार्च निकालने की कोशिश की लेकिन दिल्ली पुलिस ने उनको विजय चौक पर ही रोक दिया. दिल्ली पुलिस ने धारा 144 का हवाला देते हुए रोक दिया है. विजय चौक पर रोके जाने से नाराज सांसदों ने वहां नारेबाजी भी की.
अडानी और मोदी के बीच के रिश्ते की जांच होनी चाहिए
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "200 सांसदों को रोकने के लिए 2000 पुलिस वाले लगाए गए हैं. हम सभी सांसदों के साथ ईडी कार्यालय जाकर एक मेमोरेंडम देना चाहते थे, लेकिन पुलिस उनको आगे नहीं जाने दे रही है और सरकार उनको बोलने नहीं दे रही है. पीएम मोदी ऐसे लोगों को प्रोत्साहन दे रहे हैं जिनकी संपत्ति कम थी और अब पीएम की कृपा से उनकी संपत्ति बहुत बढ़ गई है. खड़गे ने कहा, मैं यह जानना चाहता हूं कि उनको आखिर पैसे कौन दे रहा है? इसकी जांच होनी चाहिए. अडानी और मोदी के बीच के रिश्ते की जांच होनी चाहिए, बस इसी के लिए हम ईडी दफ्तर जाकर अपनी बात रखना चाह रहे हैं.’’
मार्च में इन पार्टियों ने लिया हिस्सा
इससे पहले राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की बैठक में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), समाजवादी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), केरल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा, विदुथलाई चिरुथिगल काची और एनसी ने हिस्सा लिया.
क्या है अडानी का मामला
गौरतलब है कि पिछले 24 जनवरी को अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि अडानी समूह ने स्टॉक में हेराफेरी कर संपत्ति बनाई है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद उठे सवालों को लेकर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. समिति में छह सदस्य शामिल होंगे, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एएम सप्रे करेंगे.
माफी का कोई सवाल ही नहीं : खड़गे
वहीं, कांग्रेस सद्र मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को राहुल गांधी का बचाव किया और कहा कि उनके ब्रिटेन वाले बयान के लिए माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता है. खड़गे ने कहा कि, गांधी ने कुछ भी गलत नहीं कहा और सिर्फ लोकतंत्र के बारे में बात की है, जबकि प्रधानमंत्री ने विदेशों में कई जगहों पर बात की और देश का अपमान किया है.
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