नई दिल्लीः भोपाल से भाजपा की सांसद प्रज्ञा ठाकुर अपने कट्टर हिंदुत्वादी विचारों और विवादित बयानों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहती हैं. अब 100 से ज्यादा पूर्व नौकरशाहों ने शनिवार को भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. नौकरशाहों ने कर्नाटक में उनके कथित भड़काऊ भाषण पर को लेकर यह मांग की है. नौकरशाहों ने कहा है कि प्रज्ञा ठाकुर बयान गैर-हिंदू समुदायों के खिलाफ नफरत का भड़काने वाला बयान है. प्रज्ञा ठाकुर ने कर्नाटक में हिंदुओं से अपने घर के चाकू-छुरी को तेज रखने का अहवान किया था.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक खुले पत्र में पूर्व नौकरशाहों ने कहा है कि ठाकुर ने अपने भड़काऊ भाषण और देश में नफरत का प्रचार करने के बाद संसद सदस्य होने का नैतिक अधिकार खो दिया है. संसद के सदनों पर एक विशेष जिम्मेदारी होती है जो देश के लिए कानून बनाते हैं. निश्चित रूप से इसके सदस्यों को संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. इसलिए हम लोकसभा के माननीय अध्यक्ष से इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं. लोकसभा की नैतिकता समिति को इस तरह की कार्रवाई के लिए उपयुक्त समझा जा सकता है. 


गौरतलब है कि प्रज्ञा ठाकुर ने 25 दिसंबर को शिवमोग्गा में कहा था कि हिंदुओं को उन पर और उनकी गरिमा पर हमला करने वालों को जवाब देने का अधिकार है. इसके साथ ही उन्होंने हिंदुओं से अपने घर के चाकू-छुरी को तेज रखने की अपील की थी. 
पूर्व नौकरशाहों के अपने पत्र में कहा है कि हालांकि ऐसा लगता है कि ठाकुर स्पष्ट रूप से गैर-हिंदू समुदायों के खिलाफ नफरत फैला रही है, और उनके खिलाफ हिंसा की वकालत कर रही है.


पूर्व नौकरशाहों में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन, पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी ए एस दुलत, जूलियो रिबेरो, अमिताभ माथुर, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी टी के ए नायर और के सुजाता राव शामिल हैं. पूर्व नौकरशाहों ने कहा है कि आग लगाने वाले शब्दों से, प्रज्ञा ठाकुर ने न केवल भारतीय दंड संहिता के तहत कई अपराध किए हैं, बल्कि भारत के संविधान को बनाए रखने के लिए संसद सदस्य के रूप में ली गई शपथ का भी उन्होंने  उल्लंघन किया है. 


Zee Salaam