लखनऊः ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सद्र असदुद्दीन ओवैसी इतवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारी समिति की बैठक के लिए लखनऊ पहुंचे है. यह पूछे जाने पर कि क्या समान नागरिक संहिता पर चर्चा होगी, ओवैसी ने कहा, “बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी और बोर्ड के तर्जुमान इस मामले पर बयान जारी करेंगे.“ लोकसभा सांसद ने हाल ही में असम में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा बाल विवाह पर की गई कार्रवाई पर भी सवाल उठाया है. 


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ओवैसी ने कहा, “पार्टी छह साल से राज्य में सत्ता में है. इतने सालों में उन्होंने बाल विवाह को रोकने के लिए क्या किया है? यह राज्य सरकार की नाकामी है.“ ओवैसी ने पूछा है कि उन लड़कियों का क्या होगा, जिनकी शादी हो चुकी है? असम सरकार ने 4,000 मामले दर्ज किए हैं और 4000 और दर्ज करने पर विचार कर रही है. तो, उन लड़कियों की देखभाल कौन करेगा? आप उन पर मुसीबतों का पहाड़ लाद रहे हैं.“ ओवैसी ने शनिवार को हैदराबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को खिताब करते हुए कही. 

ओवैसी ने कहा कि असम में भाजपा सरकार मुसलमानों के खिलाफ पक्षपात कर रही है. ऊपरी असम में भूमिहीन लोगों को जमीन दी गई है, हालांकि, वे निचले असम के लोगों को जमीन नहीं दे रहे हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश में चल रहे रामचरितमानस विवाद पर टिप्पणी करते हुए ओवैसी ने कहा, “मैं इस मामले का माहिर नहीं हूं, जो विशेषज्ञ हैं वे इस पर टिप्पणी करने के लिए बेहतर ं होंगे.“
इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने शनिवार को कहा कि आने वाले दिनों में बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी. सरमा ने बताया कि बाल विवाह के मामले में शनिवार सुबह तक 2211 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. 


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