हैदराबाद: देश में विपक्ष हमेशा ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सद्र और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी को अक्सर मोदी का मददगार और उनकी पार्टी को बीजेपी की बी-टीम कहकर उनकी आलोचना करते हैं, जबकि मोदी और भाजपा पर सबसे ज्यादा ओवैसी ही हमलावर रहते हैं. विपक्ष का मानना है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन जब किसी राज्य के विधानसभा चुनावों में अपने उमीदवार खड़े करती है, तो इससे उस राज्य के मुस्लिम वोट बंट जाते हैं, जिससे सेक्युलर पार्टियों को नुक्सान होता है और भाजपा को इसका फायदा मिलता है. 


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2020 के बिहार चुनाव में राजद की हार और उत्तर प्रदेश में अखिलेश की हार का ठीकरा भी ओवैसी पर फोड़ा गया था, जबकि चुनावों में सेक्युलर पार्टियाँ ओवैसी की पार्टी से गठबंधन करने से तीन वजहों से बचते हैं. उन्हें लगता है कि ओवैसी से गठबंधन कर चुनाव लड़ने से उनका कोर हिन्दू वोटर नाराज़ हो सकता है. दूसरे अन्य दलों को भरोसा है कि मुस्लिम वोटर का मत उन्हें ही मिलेगा, वो ओवैसी को वोट नहीं करेंगे, और तीसरी वजह है कि सेक्युलर पार्टियाँ अभी भी ओवैसी और उनकी पार्टी को महत्वहीन मानकर चलते हैं.. हाल में हरियाणा में हुए चुनाव में कांग्रेस की हार हुई जबकि यहाँ ओवैसी ने अपनी पार्टी का कोई उमीदवार खड़ा नहीं किया था. हरियाणा चुनाव के बाद ओवैसी कांग्रेस पर हमलावर हो गए हैं. इस राज्य में कांग्रेस ने AAP से भी गठबंधन नहीं किया था. कई सीटों पर आप की वजह से कांग्रेस को हार को सामना करना पड़ा है.    


मोदी को हराने के लिए सबको साथ लेकर चलना होगा
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सद्र असदुद्दीन ओवैसी ने अब साफ़ लफ़्ज़ों में कहा है कि कांग्रेस पार्टी अकेले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (BJP) को नहीं हरा सकती है. ओवैसी ने कहा कि अगर उन्हें  बीजेपी को हराना है, तो सबसे पुरानी पार्टी को सभी को साथ लेकर चलना होगा. तेलंगाना के विकाराबाद में शुक्रवार की रात एक अवामी जलसे को खिताब करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वक्फ संशोधन विधेयक कानून बन गया तो मुल्क में सामाजिक अस्थिरता शुरू हो जाएगी. 
ओवैसी ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस से कहना चाहूंगा कि मेरी बात समझिए, मोदी को हराने के लिए सबको साथ लेकर चलना होगा. आप अकेले कुछ नहीं कर पाओगे.’’ भाजपा ने हरियाणा में सत्ता-विरोधी लहर को शिकस्त देते हुए लगातार तीसरी बार शानदार जीत हासिल की है, और कांग्रेस की वापसी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.


अब आप ही बताइए, वे किस कारण हारे
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की शिकस्त पर ओवैसी ने कहा, "धर्मनिरपेक्ष पार्टियां चुनावों में भारतीय जनता पार्टी विरोधी मतों में सेंध लगाने के लिए उन पर (ओवैसी पर) इलज़ाम लगाती थीं, और उन्होंने पूछा कि हरियाणा में एआईएमआईएम (AIMIM) के उम्मीदवारों को न उतारने के बावजूद मल्लिकार्जुन खरगे की रहनुमाई वाली पार्टी कैसे हार गई? उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (भाजपा) हरियाणा कैसे जीत लिया? मैं वहां नहीं था. वरना वे ‘बी टीम’ कहते... वे वहां हार गए. अब आप ही बताइए, वे किस कारण हारे?’’ 


अब हम कोई मस्जिद या कब्रिस्तान नहीं खोएंगे
हरियाणा में भाजपा ने 90 विधानसभा सीट में से 48 सीट जीतीं है, जो सरकार बनाने के लिए 46 के जादुई आंकड़े से कहीं ज्यादा है. ओवैसी ने दावा किया है कि अगर वक्फ विधेयक कानून बन गया तो मुसलमानों से मस्जिदें और दरगाहें छीन ली जाएंगी. उन्होंने कहा, ‘‘मैं मोदी जी से कह रहा हूं कि अगर यह वक्फ कानून बना तो देश में सामाजिक अस्थिरता पैदा हो जाएगी. हम देश को 1980 और 1990 के दशक में ले जाएंगे. हमने एक मस्जिद गंवा दी थी. अब हम कोई मस्जिद या कब्रिस्तान नहीं खोएंगे.’’ 


यति, फिलिस्तीन और इजराइल पर क्यों खामोश हैं मोदी 
एआईएमआईएम के सद्र ने उत्तर प्रदेश के एक मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद का जिक्र करते हुए दावा किया कि ‘मोदी और योगी उन्हें बचा रहे हैं.’ यह अफसोसनाक है कि उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. नरसिंहानंद ने मुबैयना तौर पर पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी की थी. ओवैसी ने फलस्तीन के मुद्दे पर अपना समर्थन जारी रखते हुए पूछा कि प्रधानमंत्री मोदी इस पर क्यों नहीं बोल रहे हैं, जबकि इजराइल ने लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों पर हमला किया और गाजा में भी 40,000 लोग मारे गए हैं. उन्होंने यह भी पूछा कि भारत इजराइल को हथियार क्यों दे रहा है?