Pakistan: पाकिस्तान में प्रदूषण से हालात गंभीर बने रहे हुए हैं. यूनीसेफ ने बच्चों की हेल्थ को लेकर वॉर्निंग जारी की है. संगठन का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण पाकिस्तान के पूर्वी पंजाब प्रांत में 11 मिलियन बच्चों के स्वास्थ्य को खतरा है. समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने से पाकिस्तान की राजधानी लाहौर के साथ-साथ पंजाब के 17 अन्य जिलों में भी जहरीली धुंध छाई हुई है.


लोगों हो रही सांस की समस्या


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हेल्थ अथॉरिटीज के मुताबिक लोगों को सांस की समस्या पेश रही है. 40,000 से अधिक लोगों ने सांस से जुड़ी समस्याओं के लिए उपचार की मांग की है. पूरे प्रांत में क्लीनिकों में मरीजों की प्राथमिक चिकित्सा के लिए विशेष स्मॉग काउंटर स्थापित किए गए हैं, मंगलवार को अकेले लाहौर में 900 लोग अस्पताल में भर्ती हुए.


यूनिसेफ ने क्या कहा?


पाकिस्तान में यूनिसेफ के रिप्रजेंटेटिव अब्दुल्ला फादिल ने सोमवार को एक बयान में सरकार से गुजारिश की है कि वह 5 साल से कम उम्र के 11 मिलियन प्रभावित बच्चों और अन्य लोगों के लिए वायु प्रदूषण को कम करने के लिए तत्काल और अधिक प्रयास करें.


प्रदूषण से बच्चों की मौतें


अब्दुल्ला फादिल ने बयान में कहा, "वायु प्रदूषण के इन रिकॉर्ड तोड़ने वाले स्तरों से पहले, पाकिस्तान में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की लगभग 12 प्रतिशत मौतें वायु प्रदूषण के कारण होती थीं. इस वर्ष के असाधारण धुंध के प्रभाव का आकलन करने में समय लगेगा, लेकिन हम जानते हैं कि हवा में प्रदूषण की मात्रा दोगुनी और तिगुनी होने से विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा, खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं पर."


पाकिस्तान में स्कूल बंद


स्विस समूह IQAir की लाइव रेटिंग के मुताबिक, पंजाब प्रांत ने लाहौर में मौजूद कई जगहों पर शैक्षणिक संस्थानों और पार्कों और चिड़ियाघरों जैसे सार्वजनिक स्थानों को 17 नवंबर तक बंद कर दिया है. लाहौर एयर क्वालिटी के मामले में दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है. अधिकारी लोगों से गैर जरूरी सफर से बचने की गुजारिश कर रहे हैं,


लाहौर का कितना AQI


आईक्यूएयर के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार सुबह 6 बजे लाहौर का एक्यूआई 1045 था, जबकि दिल्ली का 329 था. मुल्तान में पिछले सप्ताह AQI का स्तर 2,000 को पार कर गया था.


वायु प्रदूषण से क्या होता है?


डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वायु प्रदूषण से स्ट्रोक, हृदय रोग, फेफड़ों का कैंसर और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियाँ हो सकती हैं. यह बच्चों, शिशुओं और बुज़ुर्गों के लिए विशेष रूप से कष्टदायक है. हालाँकि सरकार ने फ़ेस मास्क पहनना अनिवार्य करने का आदेश दिया है, लेकिन इसका व्यापक रूप से उल्लंघन किया गया है।