Pakistani Hindu Refugees In Delhi: दिल्ली के मजनू टीला इलाके में यमुना किनारे बसी पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी बस्ती को दिल्ली सरकार द्वारा हटाया जा रहा है. जिसको लेकर हिंदूवादी संगठन और पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों में गुस्सा है. उनका कहना है कि DDA की तरफ से इन्हे यहां से उजाड़ा जा रहा है, किसी तरह उन्होंने बड़ी ही मुश्किल से अपने आशियाने यहां पर बनाए हैं. उन्होंने बताया कि, जब हम लोग यहां पर अपना काम धंधा जमा चुके हैं, तो DDA का नोटिस मिलने के बाद उन्हें हटाया जा रहा है, जिसको लेकर यह लोग कोर्ट में भी गए.


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जी मीडिया  से बात करते हुए यूनाइटेड फ्रंट हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारी ने कहा कि, पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को अभी तक नागरिकता नहीं मिली है. जबकि, दिल्ली सरकार ने अपने वोट बैंक रोहिंगिया मुसलमानो को बड़ी तादाद में नागरिकता दी है. साथ ही उन्होंने इल्जाम लगाते हुए कहा कि, पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी दिल्ली सरकार व केंद्र सरकार के वोट बैंक नहीं है, जिसके चलते इन्हें यहां से हटाया जा रहा है. हिंदूवादी संगठन इनकी रक्षा करेंगे और उनके यहां पर स्थाई होने के लिए कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा आएंगे, ताकि DDA इन्हें यहां से उजाड़ न सके.



वहीं, सालों से दिल्ली के मजनू ट्टीला इलाके में रह रहे हिंदू शरणार्थियों ने बताया कि, बड़ी तादाद में हिंदू परिवार इस पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी बस्ती में रह रहे हैं. अब इन लोगों को यहां रहते हुए 10 साल से ज्यादा का समय हो गया है. धीरे-धीरे इल लोगों ने उन्होंने अपनी आजीविका का संसाधन जुटाना शुरू किया. किसी तरह ये लोग अपना जीवन यापन कर रहे हैं. उन्होंने धीरे-धीरे अपने मकान भी यहां पर बनाए ताकि उनका आशियाना दिल्ली में बन सके. अब उनके हालात ऐसे नहीं है कि वह पाकिस्तान में रह सके, क्योंकि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर जुल्म किए जाते रहे हैं .


 


इन सब हालात से बचने के लिए उन्होंने भारत का रुख किया. इन लोगों की मांग है कि, केंद्र सरकार इन्हें नागरिकता प्रदान करें और उनके जीवन यापन के लिए मूलभूत सुविधाएं दे, जो देश के नागरिकों को दी जा रही हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि केंद्र सरकार इन लोगों को नागरिकता किस तरह से देगी और क्या इनके पास देश की नागरिकता पाने के लिए डॉक्यूमेंट है या नहीं और क्या यह लोग मानकों को पूरा कर पाएंगे.


Report: Nasim Ahmed