Lalu Yadav on PFI Ban: PFI पर 5 साल के लिए बैन लगा दिया गया है. इस फैसले का ज्यादातर लोग स्वागत करते नजर आ रहे हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि पीएफआई गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल था. इस वजह से संगठन के खिलाफ एक्शन लिया गया है. पीएफआई पर बैन को लेकर आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का बयान आया है. उन्होंने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.


लालू प्रसाद यादव ने क्या कहा?


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लालू प्रसाद यादव ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि पीएफआई पर जांच हो रही है. पीएफआई  की तरह जितने भी संगठन है सब को बैन करना चाहिए. इसमें RSS भी शामिल है. लालू यादव कहते हैं कि सबसे पहले आरएसएस को बैन करना चाहिए. यह सबसे बदतर संगठन है. लालू प्रसाद यादव के अलावा सीपीआई (एम) ने भी आरएसएस को बैन करने की मांग की है.



एआईएमआईएम ने किया विरोध


एआईएमआई एम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं पीएफआई की रेडिकल अप्रोच का विरोध करता आया हूं और करता रहूंगा. लेकिन ये बैन हम सपोर्ट नहीं करते क्योंकि अगर चंद लोग कुछ क्राइम करते हैं, उस बिनाह पर ऑर्गेनाइजेशन को बैन नहीं कर सकते.



इन लोगों ने किया समर्थन


आपको बता दें सरकार के इस फैसले का कई मुस्लिम रहनुमाओं और तंजीमों ने स्वागत किया है. ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउन्सिल के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती का मानना है कि आतंकवाद की रोकथाम के लिए अगर यह कार्रवाई की गई है तो इस पर सभी को धीरज से काम लेना चाहिए. सरकार और जांच एजेंसियों के इस कदम का इस्तक़बाल करना चाहिए. अजमेर से सज्जादानशीन दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खां ने कहा है कि पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर लगे प्रतिबंध का स्वागत करता हूं. यह जो आज प्रतिबंध लगा है वह देश हित में है.


क्यों किया गया पीएफआई को बैन


सरकार की तरफ से जारी किए गए बयान के अनुसार पीएफआई और उसके सहयोगी विनाशकारी कामों में शामिल रहे हैं. जिसकी वजह से पब्लिक ऑर्डर खराब हुआ है. इसके अलावा सरकार का कहना कि संगठन देश के संवैधानिक ढ़ांचे को को कमजोर करने का काम कर रहा है. इसके साथ आतंक आधारित शासन को प्रोत्साहित किया जा रहा है और उसे लागू करने की कोशिश कर रहा है.