`तुझ तक आते हुए ख़ुदा तक पहुँच गए हैं`, अब्बास ताबिश के शेर

Abbas Tabish Poetry: अब्बास ताबिश इस दौर के सबसे बड़े शायरों में शुमार होते हैं. अक्सर मुशायरों में उनको बुलाया जाता है. अब्बास ताबिश की किताब `रक़्स जारी है` बहुत मशहूर है.

सिराज माही Nov 21, 2023, 13:00 PM IST
1/10

बाप

मुद्दत के बाद ख़्वाब में आया था मेरा बाप  और उस ने मुझ से इतना कहा ख़ुश रहा करो 

2/10

बर्दाश्त

तू भी ऐ शख़्स कहाँ तक मुझे बर्दाश्त करे  बार बार एक ही चेहरा नहीं देखा जाता 

3/10

तअल्लुक

हम हैं सूखे हुए तालाब पे बैठे हुए हंस  जो तअल्लुक़ को निभाते हुए मर जाते हैं 

4/10

किरदार

ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन  लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं 

5/10

इश्क

इश्क़ कर के भी खुल नहीं पाया  तेरा मेरा मुआमला क्या है 

6/10

वफादार

जिस से पूछें तिरे बारे में यही कहता है  ख़ूबसूरत है वफ़ादार नहीं हो सकता 

7/10

घर

घर पहुँचता है कोई और हमारे जैसा  हम तिरे शहर से जाते हुए मर जाते हैं 

8/10

मां

एक मुद्दत से मिरी माँ नहीं सोई 'ताबिश'  मैं ने इक बार कहा था मुझे डर लगता है 

9/10

मोड़

बस एक मोड़ मिरी ज़िंदगी में आया था  फिर इस के बाद उलझती गई कहानी मेरी 

10/10

गुमराही

तिरी मोहब्बत में गुमरही का अजब नशा था  कि तुझ तक आते हुए ख़ुदा तक पहुँच गए हैं 

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link