Amit Shah on Waqf Amendment Bill: वक्फ (संशोधन) विधेयक पर हंगामा जारी है. जहां एक तरफ कई विपक्षी सांसद इस बिल के खिलाफ हैं, तो वहीं कई मुस्लिम संस्थाएं भी इसके खिलाफ एकजुट हैं. लेकिन ऐसे में देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि देश के विपक्षी नेताओं के विरोध के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वक्फ (संशोधन) विधेयक को पास कराकर रहेंगे. उन्होंने महाराष्ट्र में विधानसत्रा चुनाव से पहले ये बात कही.


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वक्फ पर क्या बोले अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह ने कहा कि है कि "कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने गांवों, मंदिरों, किसानों की जमीनों और लोगों के घरों को वक्फ संपत्तियां घोषित कर दिया है. इसलिए प्रधानमंत्री मोदी वक्फ बोर्ड कानून में बदलाव करना चाहते हैं, लेकिन उद्धव ठाकरे, शरद पवार और सुप्रिया सुले इसका विरोध कर रहे हैं. उद्धव जी ध्यान से सुन लीजिए, आप लोग जितना चाहे विरोध कर लीजिए, लेकिन मोदी जी वक्फ अधिनियम में संशोधन करके रहेंगे." 


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वक्फ (संशोधन) विधेयक पर आपत्ति
ख्याल रहे कि वक्फ (संशोधन) विधेयक इसी साल 28 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया. लेकिन इस पर विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया. जिसकी वजह से यह पास नहीं किया जा सका. इसके बाद इस विधेयक को संसदीय समिति के पास भेज दिया गया. इस समिति के अध्यक्ष भाजपा के नेता जगदंबिका पाल हैं. संसदीय समिति में पक्ष और विपक्ष दोनों सदस्य हैं. संसदीय समिति ने कई मुस्लिम संगठनों से वक्फ (संशोधन) विधेयक पर उनकी राय जानी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि संसदीय समिति नवंबर के आखिर में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. रिपोर्ट के आधार पर पर कुछ फैसल लिया जाएगा. लेकिन इससे पहले अमित शाह का ये बयान हैरान करने वाला है. 


क्या है वक्फ बोर्ड?
वक्फ का मतलब होता है दान करना. कोई भी मुस्लिम शख्स अगर अपनी संपत्ति दान करता है, तो वह वक्फ कहलाती है. वक्फ की जमीनों और जायदातों की सुरक्षा करने वाले बोर्ड को वक्फ बोर्ड कहते हैं. भारत में वक्फ की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय स्तर पर एक स्वायत्त निकाय है. इसे वक्फ काउंसिल या वक्फ बोर्ड कहते हैं. इसके अलावा राज्य स्तर पर भी वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए वक्फ बोर्ड हैं. भारत में कुल 32 वक्फ बोर्ड हैं. संसद में पेश किए गए वक्फ संशोधन विधेयक में प्रस्ताव है कि वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों को शामिल किया जाएगा. इसके अलावा इसमें औरतों को भी शामिल करने का प्रस्ताव है. इस पर विपक्षी सांसदों और मुसलमानों को एतराज है. उनका कहना है कि सरकार वक्फ बोर्ड में संशोधन के बहाने कब्रस्तान, मजार और मस्जिदों पर कब्जा करना चाहती है.