Poetry on Birthday: इंसान का पैदा होना बड़ी घटना है. इसलिए लगभग हर इंसान अपने जन्मदिन को याद करता है. अपने यौम ए पैदाइश को खास बनाना चाहता है. जन्मदिन खास होता है कि इसलिए जिसका जन्मदिन होता है उसके करीबी उसको मुबारकबाद पेश करते हैं. उसको खास महसूस कराते हैं. जन्मदिन पर कई शायरों ने अपनी कलम चलाई है और बेहतरीन शेर लिखे हैं. पढ़ें.


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हसीन चेहरे की ताबिंदगी मुबारक हो 
तुझे ये साल-गिरह की ख़ुशी मुबारक हो 
-अज्ञात
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हमारा ज़िंदा रहना और मरना एक जैसा है 
हम अपने यौम-ए-पैदाइश को भी बरसी समझते हैं 
-फ़रहत एहसास
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मैं तकिए पर सितारे बो रहा हूँ 
जनम-दिन है अकेला रो रहा हूँ 
-ऐतबार साजिद
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यही वो दिन थे जब इक दूसरे को पाया था 
हमारी साल-गिरह ठीक अब के माह में है 
-परवीन शाकिर
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तुम सलामत रहो हज़ार बरस 
हर बरस के हों दिन पचास हज़ार 
-मिर्ज़ा ग़ालिब
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माँ की दुआ न बाप की शफ़क़त का साया है 
आज अपने साथ अपना जनम दिन मनाया है 
-अंजुम सलीमी
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तुम सलामत रहो क़यामत तक 
और क़यामत कभी न आए 'शाद' 
-शाद आरफ़ी


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एक बरस और बीत गया 
कब तक ख़ाक उड़ानी है 
-विकास शर्मा राज़
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सालगिरह पर कितनी नेक तमन्नाएँ मौसूल हुईं 
लेकिन इन में एक मुबारकबाद अभी तक बाक़ी है 
-अहमद शहरयार
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हमारी ज़िंदगी पर मौत भी हैरान है 'ग़ाएर' 
न जाने किस ने ये तारीख़-ए-पैदाइश निकाली है 
-काशिफ़ हुसैन ग़ाएर
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ख़िज़ाँ की रुत है जनम-दिन है और धुआँ और फूल 
हवा बिखेर गई मोम-बत्तियाँ और फूल 
-साबिर ज़फ़र
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घिरा हुआ हूँ जनम-दिन से इस तआक़ुब में 
ज़मीन आगे है और आसमाँ मिरे पीछे 
-मोहम्मद इज़हारुल हक़
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ये बे-ख़ुदी ये लबों की हँसी मुबारक हो 
तुम्हें ये सालगिरह की ख़ुशी मुबारक हो 
-अज्ञात
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