Poetry on Request: गुज़ारिश का मतलब है किसी से अनुरोध करना. इसका अंग्रेजी में मतलब होता है रिकुएस्ट (Request). गुज़ारिश करने से अक्सर काम बन जाया करते हैं. मोहब्बत में हुक्म नहीं होता. अक्सर माशूक आशिक से और आशिक माशूक से गुज़ारिश करते हैं. गुज़ारिश को कई शायरों ने अपनी शायरी का मौजूं बनाया है और इस पर बेहतरीन शेर लिखे हैं. आज हम आपके सामने गुज़ारिश लफ्ज़ पर शेर पेश कर रहे हैं. 


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धूप ने गुज़ारिश की
एक बूँद बारिश की
-मोहम्मद अल्वी
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ज़िंदा ज़ेहनों से गुज़ारिश है बुझाएँ वर्ना
आग नफ़रत की ग़रीबों के मकाँ जानती है
-याक़ूब साक़ी
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उस से कहने को तो बहुत कुछ है
वक़्त मिलता नहीं गुज़ारिश का
-एजाज़ रहमानी
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दबी ज़बाँ से गुज़ारिश है नागवार अगर
तो क्या सवाल उठाने की बात करता हूँ
-शाद आरफ़ी
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आप सुन लेते गर हमदर्दी से
हम भी थोड़ी सी गुज़ारिश करते
-मसऊद अनवर शफ़ाक़ी
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मैं किसी बीच के रस्ते से नहीं पहुँचा यहाँ
हासिदों से ये गुज़ारिश है रियाज़त समझें
-अली ज़रयून
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एक फूल भी चमन में न दिल खोल कर हँसा
शबनम के आँसुओं की गुज़ारिश के बावजूद
-लैस क़ुरैशी
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तुम कभी एक नज़र मेरी तरफ़ भी देखो
इक तवक़्क़ो ही तो है कोई गुज़ारिश तो नहीं
-फ़ाज़िल जमीली
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इतना मोहतात कि जुम्बिश नहीं करने देगा
उम्र-भर एक गुज़ारिश नहीं करने देगा
-अहमद कमाल परवाज़ी
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इक गुज़ारिश है बस इतना कीजिए
जब कभी फ़ुर्सत हो आया कीजिए
-मज़हर इमाम
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क़ुबूल काश मिरी इतनी सी गुज़ारिश हो
किसी के क़ल्ब में नफ़रत हो और न रंजिश हो
-अरशद साद रुदौलवी
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फिर वही कर्ब-ए-गुज़ारिश वही मंशा अपना
कोई इज़हार की सूरत न तक़ाज़ा अपना
-राम प्रकाश राही
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गुज़ारिश कर सबा ख़िदमत में तू उस ला-उबाली के
तिरे जाने से गुल मुरझा गए हैं नक़्श-ए-क़ाली के
-इश्क़ औरंगाबादी
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