Haryana Political crisis: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. इतना ही नहीं सभी तीनों विधायकों ने अपना समर्थन कांग्रेस को देने का ऐलान किया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि नायब सिंह सैनी की अगुआई वाली सरकार कुछ दिनों की मेहमान है. 


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सभी विधायक सरकार के नीतियों से हैं नाखुश
हरियाणा के पूर्व सीएम और विधानसभा नेता प्रतिपक्ष की मौजूदी में रोहतक में तीनों निर्दलीय विधायकों पुंडरी विधानसभा से रणधीर गोलन, चरखी दादरी विधानसभा से सोमवीर सांगवान और नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर ने भाजपा से अपना समर्थन वापस ले लिया है. तीनों विधायकों कहना है कि वो सरकार के नीतियों से नाखुश हैं, इसलिए भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं. 


बहुमत का बिगड़ा गणित
पुंडरी विधानसभा से रणधीर गोलन ने कहा, "हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं. हम कांग्रेस को अपना समर्थन दे रहे हैं. हमने किसानों से जुड़े मुद्दों समेत मुख्तलिफ मुद्दों पर यह फैसला लिया है.'' नर्दलीय विधायक की तरफ से भाजपा से समर्थन वापस लेने के बाद हरियाणा में नायब सिंह सैनी की अगुआई वाली सरकार की बहुमत का आंकड़ा बिगड़ गया है. 


बहुमत से एक कदम दूर है बीजेपी
गौरतलब है कि हरियाणा में 90 विधानसभा सीट है. किसी भी पार्टी को बहुमत के लिए 45 सीट की जरूरत है. ऐसे में बीजेपी के पास 41 विधायक है, जबकि 6 निर्दलीय विधायक हैं. निर्दलीय विधायकों का भाजपा को समर्थन मिला हुआ है. अब इन 6 में से 3 ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. ऐसे में सैनी सरकार के पास मौजूदा वक्त में 44 ही विधायक बचे हुए है. ऐसे में सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है. बहुतम के लिए 45 विधायकों की जरूरत है. ऐसे में जराए ने दावा किया है कि जेजेपी के 7 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं.