Lok Sabha: आज लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने काफी हंगामा किया. उन्होंने अध्यक्ष ओम बिरला पर सवाल उठा दिए. राहुल ने कहा कि अध्यक्ष को निष्पक्ष होना चाहिए. राहुल गांधी ने कहा कि "अध्यक्ष महोदय, जब आपको कुर्सी पर बैठाया गया, तो मैं आपके साथ आपकी कुर्सी तक चला गया. आप लोकसभा के अंतिम निर्णायक हैं. आप जो कहते हैं, वह भारतीय लोकतंत्र को मूल रूप से परिभाषित करता है," उन्होंने आगे कहा कि "अध्यक्ष महोदय, कुर्सी पर दो लोग बैठे हैं, लोकसभा के अध्यक्ष और श्री ओम बिरला. जब मैंने आपसे हाथ मिलाया, तो आप सीधे खड़े हुए और मुझसे हाथ मिलाया. जब मोदी जी ने आपसे हाथ मिलाया, तो आप झुक गए."


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अमित शाह ने लगाया इल्जाम
इस टिप्पणी पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तत्काल प्रतिक्रिया दी, उन्होंने गांधी पर कुर्सी का अनादर करने का आरोप लगाया. इसके बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने सीधे गांधी की टिप्पणियों पर अपना जवाब दिया और उनके कामों के बारे में बताया. बिरला ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन के नेता हैं. मेरा संस्कार कहता है कि जो हमेशा बड़े हैं, उनसे झुककर नमस्कार करो और बराबर वालों से सीधे खड़े होकर."


अध्यक्ष से बड़ा कोई नहीं
गांधी ने संतुलित प्रतिक्रिया देते हुए अध्यक्ष से शब्दों के प्रति अपना सम्मान दोहराया, लेकिन अध्यक्ष की भूमिका के महत्व पर अपना रुख बरकरार रखा. गांधी ने कहा, "मैं आपके शब्दों का सम्मान करता हूं, लेकिन इस सदन में अध्यक्ष से बड़ा कोई नहीं है." संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बोलते हुए कांग्रेस नेता ने भगवान शिव की तस्वीर दिखाई और कहा कि उनका संदेश निर्भयता और अहिंसा के बारे में है.


राहुल पर सवाल
राहुल गांधी ने कहा, "सभी धर्म और हमारे सभी महापुरुष अहिंसा और निर्भयता की बात करते हैं, लेकिन जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे केवल हिंसा, घृणा और झूठ की बात करते हैं...आप हिंदू हो ही नहीं." गांधी की तरफ से भाजपा पर कटाक्ष करने पर सत्ता पक्ष के सदस्य खड़े हो गए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना एक गंभीर मामला है. हालांकि, राहुल गांधी ने पलटवार करते हुए कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बारे में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) या मोदी संपूर्ण हिंदू समाज नहीं हैं.