Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा को लेकर विपक्ष लगातार प्रदेश की बीजेपी सरकार पर हमलावर है. सड़क से लेकर संसद तक विपक्ष सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है. जिला प्रशासन ने 10 दिसंबर तक संभल में सियासी पार्टियों के डेलिगेशन, नेता,  धार्मिक व सामाजिक संगठन की एंट्री पर प्रतिबंध पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिले में बीएनएस की धारा 163 लागू है. लेकिन इन सबके बीच इस बीच यूपी से बड़ी खबर आई है. लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, नवनिर्वाचित वायनाड सांसद प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के कई अन्य सांसद बुधवार (12 दिसंबर ) को किसी भी वक्त संभल का दौरा कर सकते हैं. वे हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार वालों से मिलेंगे. हालांकि, जिला प्रशासन ने राहुल की एंट्री न हो इसके लिए तैयारी कर ली है.  


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राहुल गांधी के संभल दौरे की  पुष्टि कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने की है. उन्होंने राहुल गांधी के संभल दौरे के लिए जनता से समर्थन मांगते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "राहुल गांधी जी के नेतृत्व में एक कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल संभल हिंसा के पीड़ितों के परिवारों से मिलने के लिए कल दिल्ली से सड़क मार्ग से संभल के लिए रवाना होगा. इस संघर्ष में उनका समर्थन करने के लिए सभी  इकट्ठा हों और कांग्रेस डेलिगेशन के साथ ग़ाज़ीपुर बॉर्डर से संभल के लिए प्रस्थान करें. आप सभी से अपील है कि भारी संख्या में अपने समर्थकों के साथ ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचें और इस संघर्ष में अपना अमूल्य योगदान दें. लोकतंत्र और न्याय की लड़ाई में आपके समर्थन की आवश्यकता है."



संभल DM ने इन जिलों  के डीएम से कांग्रेस डेलिगेशन को रोकने के लिए लिखा लेटर 
वहीं,  संभल डीएम जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने मंगलवार को गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद के पुलिस कमिशनर  के साथ-साथ अमरोहा और बुलंदशहर के एसपी लेटर लिखा है. उन्होंने बुलंदशहर, अमरोहा, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर सहित पड़ोसी जिलों के अफसरों से अनुरोध किया कि वे राहुल गांधी को अपने जिले के बॉर्डर पर रोककर संभल में एंट्र करने से रोकें. 


चार लोगों की हुई मौत
बता दें कि पिछले महीने शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हो गए थे.  दरअसल, एक पिटीशन में दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद की जगह पर पहले हरिहर मंदिर था.  इसके बाद स्थानीय अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को शाही मस्जिद का पहले सर्वे हुआ था. लेकिन, फिर 24 नवंबर को मस्जिद का दोबारा सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई.