Ajmer News: दशकों से अजमेर की पहचान रहा राजस्थान सरकार का मशहूर होटल 'ख़ादिम' का नाम बदल दिया गया है. अब इस 45 साल पुराने होटल को अजयमेरू के नाम से जाना जाएगा . भजनलाल शर्मा की अगुआई वाली बीजेपी सरकार ने राजस्थान पर्यटन विभाग के इस सरकारी होटल का नाम बदलने के लिए आदेश जारी कर दिया है. 


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एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक, राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) ने विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी के निर्देश पर सोमवार को यह आदेश जारी किया. वासुदेव देवनानी अजमेर उत्तर से मौजूदा विधायक हैं और वो अजमेर से ताल्लुक रखते हैं.


अजमेर को ऐतिहासिक रूप से 'अजयमेरु' के नाम से जाना जाता था और इस नाम का इस्तेमाल प्राचीन भारतीय शास्त्रों और ऐतिहासिक किताबों में भी किया गया है.  यह शहर सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (रह0) की दरगाह के लिए मशहूर है और 'खादिम' नाम इसी से जुड़ा है. बता दें कि दरगाह की देखरेख करने वाले लोगों को 'खादिम' कहा जाता है.


देवनानी ने RTDC दिया ये निर्देश
अफसरों ने बताया कि देवनानी ने पहले आरटीडीसी को जिला कलेक्ट्रेट के सामने मौजूद होटल का नाम बदलने का निर्देश दिया था. उन्होंने कहा कि होटल का नाम, जो टूरिस्टों, अफसरों और स्थानीय लोगों के बीच चर्चित है, अजमेर के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास, विरासत और पहचान को दर्शाना चाहिए.


इस नाम को भी बदलने पर चर्चा 
अफसरों के अनुसार, देवनानी ने अजमेर में किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम बदलकर हिंदू दार्शनिक स्वामी दयानंद सरस्वती के नाम पर रखने का भी सुझाव दिया है. होटल खादिम का नाम बदलकर 'अजयमेरु' करने का आदेश RTDC की एमडी सुषमा अरोड़ा ने निगम के डाइरेक्टर मंडल की बैठक के बाद जारी किया.


इतिहासकारों ने क्या बताया?
'अजयमेरु' नाम की जड़ें 7वीं शताब्दी से जुड़ी हुई हैं. तब महाराजा अजयराज चौहान ने इस शहर की स्थापना की थी. इतिहासकारों के मुताबिक, इस नाम का इस्तेमाल प्राचीन ऐतिहासिक अभिलेखों और भौगोलिक संदर्भों में भी किया गया है.