जयपुरः राजस्‍थान में ताजा सियासी घटनाक्रम के बीच सचिन पायलट एक बार फिर प्रदेश में मुख्यमंत्री बनने से चूकते हुए दिखाई दे रहे हैं. अशोक गहलोत गुट के 92 विधायकों ने पायलट के नाम पर पार्टी में बगावत करते हुए स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. गहलोत गुट के विधायक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री के तौर पर पसंद नहीं कर रहे हैं और उनकी मांग है कि गहलोत अगर कांग्रेस के अध्यक्ष बन भी जाते हैं, तो उन्हें मुख्यमंत्री के साथ अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभालनी चाहिए. 



COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लोकतंत्र के चुनाव में फैसला बहुमत से होता है
खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इतवार की देर रात कहा कि राज्य के विधायक जिसके साथ होंगे वही प्रदेश का मुख्‍यमंत्री होगा. राज्य के अगले मुख्‍यमंत्री के बारे में खाचरियावास ने कहा, ‘‘अभी तो गहलोत ही प्रदेश के मुख्‍यमंत्री हैं. लोकतंत्र के चुनाव में फैसला बहुमत से होता है. लोकतंत्र संख्‍या बल से चलता है. राजस्‍थान के विधायक जिसके साथ होंगे वही नेता होगा. लगभग सौ से ज्यादा विधायक एक तरफ हैं. 10-15 विधायक एक तरफ हैं. ऐसे में तो बात किसकी सुनी जाएगी?’’

पायलट के नाम पर पार्टी में विद्रोह 
गौरतलब है कि राजस्‍थान में यह घटनाक्रम ऐसे वक्त में हो रहा है जब मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अगले महीने होने वाले चुनाव में उतरने की घोषणा कर चुके हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अशोक गहलोत के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद राज्‍य में नेतृत्व परिवर्तन किया जा सकता है. इसे लेकर इतवार की रात को मुख्‍यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी. बैठक के लिए दिल्‍ली से आए पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन मुख्‍यमंत्री निवास पर पहुंचे थे. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कुछ विधायक भी मुख्‍यमंत्री निवास पर पहुंचे थे. लेकिन गहलोत समर्थक विधायक संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के घर इकट्ठा हुए और फिर वहां से एक बस और अन्‍य वाहनों में सवार होकर स्पीकर डॉ. जोशी के घर पहुंचे. गहलोत समर्थक विधायक पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने के विरोध में हैं.

नाराजगी दूर हो जाएगी
खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि मुख्‍य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी राज्य की कांग्रेस सरकार को गिराना चाहती है. भाजपा पिछले चार साल से सरकार अस्थिर करने का प्रयास करने में लगी है. कांग्रेस के विधायकों के पार्टी के विधायक दल की बैठक में शामिल न होकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के आवास पहुंचने को आलाकमान के प्रति बगावत के रूप में नहीं देखा जाए, बल्कि यह ‘हमारे परिवार की बात है.’ उन्‍होंने कहा, ‘‘विधायक अपनी बात नहीं सुने जाने से नाराज होकर इस्तीफा देने आए हैं. हमारे परिवार के मुखिया जब बात सुनेंगे तो नाराजगी दूर हो जाएगी.’’ 
 


ऐसी ही दिलचस्प खबरों के लिए विजिट करें zeesalaam.in