Ram Rahim News: राम रहीम पर इतनी मेहरबान क्यों है हरियाणा सरकार? 4 साल में 10वीं बार मिला पैरोल
Ram Rahim Parole: इसी साल फरवरी में हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा था कि वह डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को उसकी इजाजत के बिना आगे पैरोल न दे. नवंबर 2023 में, उन्हें 21 दिनों के लिए जेल से रिहा किया गया था. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
Ram Rahim Parole: हरियाणा में इसी साल अक्टूबर में विधानसभा इलेक्शन होना है. इससे पहले रेप और हत्या के मुजरिम और डेरा सच्चा सौदा चीफ गुरमीत राम को आज यानी 13 अगस्त को 21 दिन का पैरोल दिया गया है. पैरोल मिलने के बाद वह उत्तर प्रदेश के बागफाट में अपने फॉर्म हाउस में रहेंगे. पिछली बार राम रहीम को जनवरी में 50 दिन की पैरोल दी गई थी.
पाच साल में 10वीं बार मिला पैरोल
दरअसल, डेरा सच्चा सौदा चीफ गुरमीत राम ने अपने शिष्य से रेप किया था. जिसके बाद कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई थी. लेकिन राम रहीम को 4 साल के भीतर 10 बार पैरोल मिल चुका है. वहीं, विपक्षी दलों का कहना है कि जब-जब हरियाणा में कोई चुनाव आता है. उससे पहले राम रहीम को पैरोल मिल जाता है. राजनीतिक फायदे के लिए सरकार रेप के आरोपी को पैरेल पर रिहा करता है.
राम रहीम ने जून में किया था हाईकोर्ट का रुख
इस महीने हरियाण और पंजाब हाईकोर्ट ने यह साफ कर दिया था कि राम रहीम के जरिए दायर अस्थायी रिहाई के किसी भी आवेदन पर हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स अधिनियम 2022 के मुताबिक, सक्षम प्राधिकारी के जरिए बिना किसी पक्षपात और भेदभाव के फैसाल लिया जाना जरूरी है. जून में राम रहीम ने 21 दिन की पैरोल देने के निर्देश मांगते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था.
हाईकोर्ट ने सरकार को दिया था ये निर्देश
इसी साल फरवरी में हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा था कि वह डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को उसकी इजाजत के बिना आगे पैरोल न दे. नवंबर 2023 में, उन्हें 21 दिनों के लिए जेल से रिहा किया गया था. पिछले साल उन्हें तीन बार पैरोल दी गई थी. आज तक उन्हें 205 दिनों के लिए पैरोल और फरलो दिया गया है. बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद वह अगस्त 2017 से सुनारिया जेल में बंद है. हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में उनके बड़ी संख्या में अनुयायी हैं. जेल मैनुअल के मुताबिक, एक दोषी को एक साल में 70 दिन की पैरोल मिलती है. राम रहीम को अगस्त 2017 में दो महिलाओं से बलात्कार के लिए 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी.