Ramadan 2024: रमजान का पाक महीना चल रहा है. इस महीने में दुनियाभर के मुसलमान रोजा रहते हैं. सुबह सूरज निकलने से पहले से लेकर शाम को सूरज डूबने के बाद तक कुछ नहीं खाने पीने को रोजा कहते हैं. भारत में इन दिनों तकरीबन 13 घंटे का रोजा पड़ा रहा है. इस साल रमजान 12 मार्च से शुरू हुआ है. लेकिन पिछले साल 22 मार्च को रमजान शुरू हुआ था. अक्सर लोग सवाल पूछते हैं कि आखिर ऐसा क्यूं है कि हर साल रमजान 10 दिन पहले शुरू हो जाता है. इस खबर में हम इसी के बारे में बात करेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हर साल 10 दिन घट जाता है रमजान
हर साल रमजान अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से 10 दिन पहले शुरू होता है. इसकी वजह यह है कि इस्लामी कैलेंडर कमरी-कैंलेंडर के हिसाब से चलता है. इसका मतलब इस्लामी कैलेंडर चांद देखने के हिसाब से चलता है. किसी महीने में चांद 29 तारीख को निकलता है तो किसी महीने में 30 तारीख को. जैसे ही नया चांद दिखता है, उसके अगले दिन अरबी कैलेंडर में 1 तारीख हो जाती है.


कमरी और शम्सी कैलेंडर
आम तौर से पूरी दुनिया में शम्सी कैलेंडर चलते हैं. यह कैलेंडर सूरज के हिसाब से चलते हैं. कमरी कैलेंडर शम्सी कैलेंडर से छोटा होता है. इसलिए हर साल अरबी कैलेंडर शम्सी कैलेंडर से 10 से 11 दिन छोटा हो जाता है.


हर चीज का रोजा
हैदराबाद के मौलाना मुजम्मिल के मुताबिक रमजान बहुत रहमत वाला महीना है. इस महीने में रोजे रखना फर्ज है. रोजे रखने का मकसद अपनी इंद्रियों पर काबू करना है. रोजों के दौरान सिर्फ पेट का रोजा नहीं होता है. रोजा जिस्म के सारे अंगों का होता है. इसका मतलब यह है कि आंख का रोजा होता है. आप रोजे की हालत में आंख से कोई गलत चीज न देखें. जबान का रोजा होता है, इसलिए आप रोजे की हालत में अपनी जबान से कोई गलत बात न कहें. कानों का भी रोजा होता है, इसलिए रोजे की हालत में कोई गलत बात न सुनें.