जयपुरः कारोबारी बाबा रामदेव ने शुक्रवार को माओ जेडोंग और कार्ल मार्क्‍स के हिंदुस्तानी अनुयायियों को उनकी ’नाजायज संतान’ करार दिया है और कहा है कि भारतीयों का भगवान राम, भगवान कृष्ण और संतों से खून का रिश्ता है. हम ऋषियों, विद्वानों, महान और पराक्रमी लोगों की संतान हैं. रामदेव जयपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के 68वें राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन के मौके पर वहां मौजूद लोगों को खिताब कर रहे थे. 


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हमारा खून का रिश्ता भगवान श्री राम और कृष्ण से  
इस मौके पर रामदेव ने कहा, ’’अतीत के गौरव और वर्तमान की वीरता के साथ भारत को आने वाले वक्त में सभी क्षेत्रों में पूरी दुनिया की रहनुमाई करनी चाहिए और यह महान जिम्मेदारी एबीवीपी को लेनी चाहिए.’’ रामदेव ने आगे कहा, ’’हमारे सामने कई चुनौतियां हैं. मार्क्‍स और माओ के कई चेले भारत में घूमते और रहते हैं. क्या उनसे खून का रिश्ता हैं? वह नाजायज संतान हैं, लेकिन हमारा खून का रिश्ता भगवान श्री राम, कृष्ण, विवेकानंद और संतों से है.’’ रामदेव ने कहा, ’’भारत में पैदा होकर साम्यवाद, सेक्युलरिज्म, कम्युनिज्म का पाठ पढ़ाने वाले, सो कॉल्ड कम्युनिस्ट एक बार शी-जिनपिंग के पास चले जाएं, ज्यादा ही सोशलिज्म देखना है, तो किम जोंग के यहां चले जाएं, पता चल जाएगा. मैं तर्क से जवाब दे रहा हूं. सोशलिज्म और कम्युनिज्म के नाम पर बौद्धिक बीमार इंटेलेक्चुअल बैंकरप्ट हैं.’’

40 हजार करोड की कंपनी है दिव्य फॉर्मेसी 
रामदेव ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह दुनिया के सबसे महान योग शिक्षक बनेंगे. उन्होंने कहा, ’’148 साल के स्टॉक मार्केट के इतिहास में पहली बार किसी संयासी का डंका बजा है. 650 रुपए पर लिस्ट हुआ हमारी एक कंपनी के शेयर का मार्केट प्राइस अब 1400-1500 तक पहुंच गया है. आज हमारी कंपनी ने 40 हजार करोड़ का मार्केट कैप्चर कर लिया है. लोकल फॉर वोकल के लिए आप सभी को प्रयास करने होंगे.’’ विदेशी कंपनियों पर निशाना साधते हुए रामदेव ने कहा, ’’क्या हैं ये कंपनियों वाले ? इनकी कभी भी चिड़िया उड़ा सकते हैं. आने वाले 5 सालों में 5 कंपनियों की लिस्टिंग कराने और 5 लाख करोड़ का सामर्थ्य हासिल कर भारत के परमार्थ में लगाने का हमारा विजन है.’’

दुनिया का सबसे बड़ा छात्र संगठन है एबीवीपी 
इस मौके पर एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष छगन भाई पटेल ने कहा, ’’ इस सत्र में मुल्क की हर शैक्षणिक शाखा से स्टूडेंट्स यहां आए हैं. आज हमारी सदस्यता डेढ़ गुना बढ़ गई है. देश के हर हिस्से से कार्यकर्ता हमारे साथ जुड़ रहे हैं, चाहे वह पूर्वाेत्तर के हों, जम्मू-कश्मीर के हों या लद्दाख के निवासी हों.’’ एबीवीपी की महासचिव निधि त्रिपाठी ने कहा, ’’एक बार फिर एबीवीपी ने दुनिया का सबसे बड़ा छात्र संगठन होने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है. इस वर्ष एबीवीपी ने 11 नवंबर 2022 को 45,46,845 सदस्यता को पा लिया है, जो पिछले साल (33 लाख) की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा हैं. इस तरह एबीवीपी अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ रही है.


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