Rampur-Khatauli: रामपुर से आकाश सक्सेना और मैनपुरी से पूर्व SP सांसद को BJP ने दिया टिकट
भाजपा ने सबसे बड़ी सीट सामपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने आकाश सक्सेना को अपना उम्मीदवार ऐलान किया है. इसके अलावा मुजफ्फरनगर जिले की खतौली सीट से राजकुमारी सैनी को अपना उम्मीदवार बनाया है.
BJP Candidate for Rampur Khatauli and Mainpuri Bye Election: भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले उपचुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. उत्तर प्रदेश की चर्चित सीट रामपुर से भाजपा ने आकाश सक्सेना को उम्मीदवार बनाया है. आकाश सक्सेना वहीं नेता हैं, जिन्होंने सपा नेता आजम खान के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कराया था.
मैनपुरी सीट उम्मीदवार राजकुमारी सैनी
इसके अलावा मुजफ्फरनगर जिले की खतौली सीट से राजकुमारी सैनी को भाजपा ने अपना उम्मीदवार ऐलान किया है. राजकुमारी सैनी भाजपा विधायक रहे विक्रम सैनी की पत्नी हैं. विक्रम सैनी की हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद विधानसभा सदस्यता रद्द की गई. सुप्रीम कोर्ट आज़म खान की सदस्यता रद्द करने से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इस दौरान आज़म खान के वकील ने कहा था कि आज़म खान पर की गई कार्रवाई भाजपा विधायक के खिलाफ क्यों नहीं की जा रही है?
मैनपुरी लोकसभा सीट (रघुराज शाक्य)
वहीं मैनपुरी लोकसभा से रघुराज शाक्य को भाजपा ने टिकट दिया है. मैनपुरी सीट से डिंपल यादव को टिकट दिया है. उन्होंने सोमवार को नामांकन दाखिल किया है. रघुराज शाक्य पहले समाजवादी पार्टी में रह चुके हैं. उन्होंने सपा छोड़कर भाजपा ज्वाइन की है. रघुराज 1999 और 2004 के चुनाव में समाजावादी पार्टी की तरफ से सांसद रह चुके हैं.
क्यों हो रहे हैं मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव
समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाने वाली मैनपुरी सीट सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के देहांत की वजह से खाली हुई है. नेताजी का लंबी बीमारी के बाद पिछले महीने 10 अक्टूबर को देहांत हो गया था. लिहाज़ा उनकी सीट ख़ाली हो गई और अब नेता जी के पार्लियामानी हलक़े मैनपुरी में इंतेख़ाबी जंग का आग़ाज हो गया है. सपा भले ही मैनपुरी सीट को महफ़ूज़ मान रही है, लेकिन धरतीपुत्र की जमीं पर उनकी बहू डिंपल यादव की चुनावी राह आसान नहीं है. पिछले चुनावों में इस लोकसभा सीट पर जीत का फ़र्क़ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी परेशान कर रहा है. दरअसल पिछले चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की मज़बूती ने मुलायम सिंह यादव की जीत का फर्क लाखों से हजारों में समेट दिया था.
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रामपुर विधानसभा सीट पर क्यों हो रहे हैं उपचुनाव
रामपुर असेंबली सीट की बात करें तो ये सीट समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आज़म ख़ान की सदस्यता रद्द होने से खाली हुई है. समाजवादी पार्टी के दिग्गज लीडर आज़म खान को सज़ा होने के बाद उनकी सदस्यता जाने की वजह से खाली हुई है. आजम खान को साल 2019 के हेट स्पीच के एक मामले में तीन साल जेल की सज़ा सुनाई गई है. जिसके बाद आज़म ख़ान की असेंबली सदस्यता ख़त्म हो गई और रामपुर सीट ख़ाली हो गई. ज़राए की मानें तो सपा ने रामपुर उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवार का नाम तय कर लिया है. रामपुर सीट पर पार्टी आज़म ख़ान की पत्नी तंजीन फातिमा को उम्मीदवार बना सकती है. हालांकि अभी पार्टी ने इसका एलान नहीं किया है.
खतौली सीट पर क्यों हो रहे उपचुनाव
मुजफ्फरनगर ज़िले की खतौली सीट भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी की सदस्यता रद्द होने की वजह से ख़ाली हुई है. दरअसल विक्रम सैनी की कुर्सी कवाल कांड के सबब गई. इस कांड के दौरान विक्रम सैनी पर हिंसा में शामिल होने का आरोप सही हुआ है. अदालत ने विक्रम सैनी को दो साल की सज़ा सुनाई है. विक्रम सैनी दूसरी बार खतौली सीट से सिर्फ सात महीने ही विधायक रहे.
क्या है कवाल कांड
याद रहे कि 2013 में कवाल गांव के झगड़े में पुलिस ने विक्रम सैनी को हिंसा फैलाने के दौरान गिरफ्तार दिखाया था. कवाल कांड के बाद गांव में कशीदगी का माहौल था. 29 अगस्त 2013 को दोपहर 12 बजे दोनों तबक़ों के लोग इल्ज़ाम तराशियां करते हुए एक-दूसरे के सामने आ गए. दोनों फ़रीक़ ने एक-दूसरे पर पथराव किया, लाठी डंडे और ग़ैर-क़ानूनी हथियारों से हमला किया. पुलिस ने दोनों फ़रीक़ के 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. जिनमें से 15 मुल्ज़िमीन बेक़ुसूर साबित हो गए. मुकदमे के ट्रायल के दौरान एक मुल्ज़िम की मौत हो गई थी. इसी कवाल के बवाल में एमएलए विक्रम सैनी को कोर्ट से दो साल की सज़ा हुई थी, जिसके चलते, उन्हें अपनी विधायक की कुर्सी गंवानी पड़ी और खतौली सीट ख़ाली हो गई.
बता दें कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दो या दो साल से ज़्यादा की सज़ा पर रुक्नियत ख़त्म हो जाने की तजवीज़ है.. इसी के तहत आज़म ख़ान और विक्रम सिंह सैनी, दोनों अवामी नुमाईंदगान पर कार्रवाई हुई है
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