लखनऊः सियासत में कोई किसी का स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता है. यह बात उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सच साबित होता दिखाई दे रहा है. यहां पहली बार किसी कांग्रेसी नेता ने बीजेपी उम्मीदवार को अपनी हिमायत दे रहा है, जिससे न सिर्फ उनकी पार्टी में खलबली मच गई है, बल्कि रामपुर की अवाम भी नेता के इस फैसले से हैरत में है. रामपुर के नवाब काजिम अली खान, पुराने कांग्रेसी नेता हैं. उन्होंने हाल में रामपुर उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार आकाश सक्सेना को अपना समर्थन देकर सभी को चौंका दिया है. सक्सेना ने भी इस बात की तस्दीक की है कि काजिम अली ने उन्हें समर्थन देने का ऐलान कियर है. हालांकि, काजिम अली की तरफ से अभी इस दावे पर कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है.

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काजिम अली के पुराने दुशमन रहे हैं आजम खान 
गौरतलब है कि स्थानीय शाही परिवार के एक वंशज, काजिम अली रामपुर से पांच बार विधायक रह चुके हैं और सपा के दिग्गज नेता मोहम्मद आजम खान के साथ उनकी अदावत काफी चर्चाओं में रही हैं. आजम खान ने ही रामपुर से शाही परिवार की सियासी जमीन हथियाई थी और उस परिवार को हमेशा के लिए सत्ता और सियासत से दूर कर दिया. 

आजम खान को बबार्द करने में आकाश सक्सेना का हाथ 
आकाश सक्सेना रामपुर से भाजपा के पूर्व सांसद शिव बहादुर सक्सेना के बेटे हैं. कहा जाता है कि सपा नेता आजम खान को संसद और विधानसभा से जेल पहुंचाने और उनकी सियासी कद को पलीता लगाने वाले आकाश सक्सेना ही है. आकाश सक्सेना पेशे से वकील हैं और भाजपा के नेता हैं. आजम खान पर लगभग 80 से ज्यादा मुकदमे इस वक्त चल रहे हैं, जिनमें 40 से ज्यादा केस अकेले आकाश सक्सेना ने आजम खान के खिलाफ किए हैं. सूत्रों की माने तो आकाश सक्सेना भाजपा के सिर्फ मोहरा भर हैं, बाकी सारा खेल यूपी की भाजपा सरकार खेल रही है. आजम के जेल जाने और उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म होने के बाद रामपुर में उनकी सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं और यह तय माना जा रहा है कि अब आकाश सक्सेना यहां से जीत हासिल करेंगे. 


काजिम के समर्थन से शिया वोटों का मिल सकता है फायदा 
रामपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) ने आजम खान के सहयोगी असीम रजा को यहां मैदान में उतारा है और कांग्रेस की पूर्व सांसद बेगम नूर बानो के बेटे काजिम अली आजम खान के समर्थन वाले किसी का भी उम्मीदवार का समर्थन करने को तैयार नहीं हैं. दिलचस्प बात यह है कि रजा ने हाल ही में रामपुर से लोकसभा उपचुनाव लड़ा था, लेकिन इसमें उन्हें करारी हार झेलनी पड़ी थी. भाजपा के एक नेता ने कहा कि आकाश सक्सेना को काजिम अली की हिमायत यकीनी तौर पर भाजपा की मदद करेगा, क्योंकि चुनाव धारणाओं पर लड़े जाते हैं. काजिम अली का भाजपा को समर्थन शिया वोटों को आकाश सक्सेना की हिमायत में मोड़ सकता है.

काजिम अली का समर्थन आकाश सक्सेना को है न कि भाजपा को 
उधर, काजिम अली के करीबी एक सूत्र ने कहा, ’’काजिम अली की हिमायत आकाश सक्सेना के लिए है, न कि भाजपा के लिए. क्योंकि आकाश ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी आजम खान के खिलाफ मोर्चा संभाला था और वह पूर्व सपा मंत्री के खिलाफ 80 से ज्यादा मामलों में एक पार्टी है. यह सक्सेना की शिकायत थी, जिसकी वजह से आजम को अभद्र भाषा के एक मामले में अयोग्य ठहराया गया था.

काजिम अली के खिलाफ कार्रवाई की उठी मांग 
इस बीच, भाजपा उम्मीदवार को समर्थन देने के काजिम अली फैसले के बाद पार्टी में उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ’’ऐसे वक्त में जब कांग्रेस पार्टी भाजपा के खिलाफ संघर्ष कर रही है और राहुल गांधी सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ अपनी भारत जोड़ो यात्रा पर हैं, काजिम अली ने भाजपा उम्मीदवार को हिमायत देने का फैसला किया है. सियासत में निजी समर्थन जैसा कुछ नहीं होता है. पार्टी आलाकमान को इस पर ध्यान देना चाहिए और कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए. यूपीसीसी के एक साबिक सद्र ने कहा कि नवाब काजिम अली की पार्टी के प्रति वफादारी पहले से ही संदिग्ध थी, क्योंकि वह पूर्व में सपा और बहुजन समाज पार्टी में चले गए थे.


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