Reasi Bus Attack: जम्मू-कश्मीर सरकार ने सोमवार को रियासी आतंकी हमले में मारे गए तीर्थयात्रियों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मंजूर की. एलजी मनोज सिन्हा ने एक्स पर लिखा, "रियासी आतंकी हमले में शहीद हुए तीर्थयात्रियों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी. घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे. घायल तीर्थयात्रियों का जम्मू और रियासी के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है."


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रविवार को हुआ हमला
रविवार को रियासी जिले के पोनी इलाके के येरयाथ गांव में उत्तर प्रदेश के तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया जिसमें 10 तीर्थयात्री मारे गए और 33 घायल हो गए. बस शिव खोरी मंदिर से कटरा शहर वापस आ रही थी, तभी आतंकवादियों ने उस पर गोलीबारी की. इसके बाद चालक ने बस पर नियंत्रण खो दिया. बस गहरी खाई में गिर गई, जिससे 10 तीर्थयात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए.


हो रही कार्रवाई
एलजी सिन्हा ने कहा कि जिला प्रशासन ने सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए एक नियंत्रण कक्ष बनाया है. एलजी ने कहा, "जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की तरफ से संयुक्त सुरक्षा बल का अस्थायी मुख्यालय घटनास्थल पर स्थापित किया गया है और रियासी आतंकी हमले के अपराधियों को पकड़ने के लिए अभियान जारी है."


आखों देखा हाल
रियासी हमले में 10 लोग मारे गए और 33 लोग घायल हो गए. घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां उनका इलाज जारी है. घायलों ने हमले का आंखों देखा हाल बयां करते हुए बताया कि कैसे आतंकियों ने पहले बस को घेर लिया और फिर लगातार फायरिंग की. बस में सवार श्रद्धालु संतोष कुमार वर्मा दिल दहला देने वाले मंजर के गवाह हैं. उन्होंने इस घटना को खुद अपनी आंखों से देखा. 


अचानक शुरू हुई फायरिंग
श्रद्धालु संतोष कुमार वर्मा ने बताया, "दर्शन कर हम वापस लौट रहे थे. पहाड़ के नीचे से जब गाड़ी गुजर रही थी, तभी अचानक से आतंकी आए और फायरिंग शुरू कर दी. हालांकि, मैं एक ही शख्स को फायरिंग करते हुए देख सका. लेकिन जहां तक मुझे पता है कि ये सभी लोग बीच सड़क पर खड़े होकर फायरिंग कर रहे थे. इसके बाद इन लोगों ने बस के ड्राइवर को भी गोली मारी. काफी देर तक यह फायरिंग करते रहे. वहीं, घटना के आधे घंटे बाद पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे, जिनकी सहायता से हम बाहर निकल सके."