Ramadan 2023 Special: रमज़ान का पवित्र महीना चल रहा है. इस मौके पर तरह-तरह के पकवान भी सुर्खियों में आ जाते हैं. ना सिर्फ बाजारों में बल्कि घरों में हर रोज नए-नए पकवान देखने को मिलते हैं. साथ सोशल मीडिया पर भी इन लज़ीज़ पकवानों की तस्वीरें और वीडियो शेयर होती रहती हैं. हाल ही में सोशल मीडिया पर एक अलग तरह की रोटी की तस्वीरें वायरल हो रही हैं. जो दिखने बहुत बड़ी और लाल रंग की है. तो चलिए आज हम आपको इस रोटी के बारे में बताते हैं. 


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ऊपर तस्वीर में दिखाई दे रही रोटी ज्यादातर अरब देशों में देखे को मिलती है. रमजान के वक्त इस रोटी की अहमियत और ज्यादा पढ़ जाती है और होटलों से लोग इस रोटी को खरीदकर खाते हैं. अरब देशों में इस रोटी को 'अल-खुब्ज़ल-अहमर' के नाम से जाना जाता है. जिसको हिंदी भाषा में 'लाल रोटी' और उर्दू जबान में 'सुर्ख रोटी' कहा जाता है. अरब के एक हिस्से में कई नस्लों से इस रोटी का रिवाज चलता आ रहा है. 


इस रोटी को देशी भट्टी में पकाया जाता है. इसका अलाव खजूर की लकड़ी से बनाया जाता है. हालांकि देसी भट्टी का चलन कम है, लेकिन रमजान के दौरान इसका खास आयोजन किया जाता है. पूर्वी क्षेत्र के ज्यादातर परिवार रमजान के दिनों में लाल रोटी खाने के आदी हैं.



उर्दू न्यूज वेबसाइट के मुताबिक अल-अहसा में अल-खुदूद अल-शाबी बेकरी के मालिक मुताब अजवाद का कहना है कि "लाल रोटी हमारे पूर्वजों से विरासत में मिली है." उन्होंने आगे बताया कि मेरा बेटा यूनिवर्सिटी का छात्र होने के बावजूद बेकरी में काम करता है. उन्हें यह हुनर ​​उनके पूर्वजों से विरासत में मिला है और वो इसको अगली नस्लों में जारी रखना चाहते हैं.


उन्होंने बताया कि लाल रोटी साधारण भी होती है, इसके अलावा जातर, पनीर और लबना वगैरह से भी बनती है. कुछ लोग लाल रोटी में दूध में डालकर भी बनाते हैं. उन्होंने बताया कि 'पारंपरिक तंदूर में बनी लाल रोटी को बूढ़े और जवान लोग शौक से खाते हैं. इन्हें खजूर के पेड़ या अन्य पेड़ों की लकड़ी से बनी रोटी का इस्तेमाल पसंद होता है.


कई लोगों ने गैस तंदूर वाली रोटी का भी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, लेकिन रमजान के दौरान पुराने स्टाइल के तंदूर की रोटी की काफी डिमांड रहती है. इसे मैदा, खजूर, पानी, छोटी इलायची, केसर, तिल और कलौंजी डालकर तैयार किया जाता है. कीमत की बात करें तो इस रोटी की कीमत एक से दो रियाल तक है. ज़ातर और पनीर मिलाने से रोटी कीमत बढ़ जाती है.


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