पीलीभीत: क्रोनिक रीनल बीमारी से पीड़ित एक 55 साल की महिला सड़क पर गिर गई, जिसके बाद उसकी लाश घंटों तक फुटपाथ पर पड़ी रही. महिला के पति के बार-बार फोन करने के बाद भी एम्बुलेंस हेल्पलाइन सेवा से उसे कोई मदद नहीं मिली. शुक्रवार को महिला लूंगश्री ने असहनीय दर्द की शिकायत की थी. जिसके बाद कासिमपुर गांव के रहने वाले किसान दंपति इलाज के लिए पीलीभीत शहर पहुंचे थे.


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महिला के पति बृजेश कुमार का कहना है कि चूंकि उसकी हालत बिगड़ रही थी, इसलिए मैं उसे अस्पताल ले आया लेकिन डॉक्टर ने उसकी जांच किए बिना भी कुछ दवाएं लिखीं. जब मैंने डॉक्टर को मेरी पत्नी को एडमिट करने के लिए कहा तो उसने कहा कि वह उन दवाओं के साथ ठीक हो जाएगी जो उसने तय की थी और हमें वापस भेज दिया.


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अस्पताल के पास फुटपाथ पर आखिरकार लुंगश्री की मौत हो गई और उसके पति ने मदद के लिए एंबुलेंस हेल्पलाइन सेवा पर बार बार फोन किए लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला. पत्नी की मौत के करीब तीन घंटे बाद तक ब्रिजेश लाश के साथ सड़क पर बैठा रहा.


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अदनान खान दोपहर में काम करने के बाद अपने घर जा रहा था. उसने लगभग शाम 5 बजे नौगावा पुल के पास बृजेश को अपनी पत्नी की लाश के साथ वहा बैठा देखा. खान ने बताया,"वह परेशान दिख रहा था. जब मैंने उससे पूछा, तो उसने मुझे बताया कि उसकी पत्नी एक पुरानी गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थी और इलाज ना मिल पाने की वजह से उसकी मौत हो गई. बुजुर्ग शख्स ने कहा कि उसने एम्बुलेंस सेवा की हेल्पलाइन पर कई फोन किए, लेकिन कोई मदद नहीं मिली."


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खान ने तब स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से मदद के लिए संपर्क किया, तब जाकर आखिरकार पुलिस से मदद मिली. सुंगड़ी पुलिस स्टेशन में तैनात सब इंस्पेक्टर अचल कुमार ने आखिरकार अपनी जेब से एक ऑटो रिक्शा का इंतेजाम किया और लाश को कासिमपुर गांव पहुंचवाया.


(इनपुट: आईएएनएस)


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