Reservation in promotion: सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) को प्रमोशन में रिजर्वेशन देने के लिए कोई मानदंड तय करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. जस्टिस एल नागेश्वर राव की सदारत वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि राज्य सरकारें एससी/एसटी के प्रतिनिधित्व में कमी के आंकड़े जाम करने के जिम्मेदार हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एससी/एसटी के अपर्याप्त प्रतिनिधित्व का पता लगाने के लिए कोई मानदंड तय नहीं कर सकती और यह राज्यों को करना होगा.


ये भी पढ़ें: Photos के झरोखों से: Air India का सालों का सफर, फिर से हुई है घर वापसी


 इससे पहले, केंद्र ने पीठ से कहा था कि यह सच है कि आज़ाद के 75 साल पूरे हो रहे हैं, लेकिन एससी/एसटी वर्ग के लोगों को अगड़ी जातियों के लोगों के समान अहमियत नहीं दी जाती. उच्चतम न्यायालय ने इस पर 26 अक्टूबर 2021 को सुनवाई पूरी करते हुए कहा था कि वह अपना फैसला बाद में सुनायेगा.


Zee Salaam Live TV: