एयर इंडिया को पूरी दुनिया में एक नई पहचान मिली इसका पूरा क्रेडिट जेआरडी टाटा को जाता है. वो भारत के पहले लाइसेंसधारी पायलट भी थे. उन्होंने 24 साल की उम्र में बॉम्बे में फ्लाईंग क्लब की शुरूआत की थी.
एनडीवी की एक खबर के मुताबिक‘एयर इंडिया' ने सबसे पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान 8 जून 1948 को भरी थी. इस विमान में 35 यात्री थे, जिनमें नवाब और महाराजाओं की तादाद ज्यादा थी. आज लंदन पहुंचने के लिए तकरीबन 12 घंटे लगते हैं. लेकिन उसक वक्त एयर इंडिया ने लंदन पहुंचने में दो दिन का वक्त लिया था.
एयर इंडिया की फ्लाइट ने काहिरा और जेनेवा होते हुए लंदन पहुंची थी. यह गौरतलब है कि आज़ादी से पहले यह टाटा एयरलाइंस के नाम से जानी जाती थी. बाद में भारत सरकार ने इसे खरीद लिया था.
जेआरडी टाटा को एविएशन में 46 साल का तजुर्बा था. एयरोप्लेन में मुसाफिरों को खास खाने सहूलत का बहुत अच्छे से ध्यान रखते थे. उनका मानना था कि जो भी हम प्रचार करते हैं उसे उसल में वही होना चाहिए.
जेआरडी टाटा का मानना था कि जितनी अच्छी सहूलतें होंगी उतना ही एयर इंडिया का नाम होगा. देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने भी एयर इंडिया की तारीफ़ की थी. उन्होंने एक पत्र लिखकर कहा था- भारत की विरासत को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने में एयर इंडिया का अहम किरदार है.
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