ऋषि सुनक ने भारतीय सहित विदेशी छात्रों पर की पहली चोट; ब्रिटेन में पढ़ाई पर बैन !
ब्रिटेन की सरकार ने कहा है कि विदेशी छात्रों को यूके में प्रवेश करने और अपने साथ परिवार को रखने को प्रतिबंधित किया जाएगा. हालांकि सरकार के इस फैसले का वहां के निजी विश्वविद्यालय विरोध कर रहे हैं.
लंदनः ब्रिटेन में चल रहे आर्थिक संकट के बीच वहां की यूनिवर्सिटीज ने इस बात की तरफ इशारा किया है कि विदेशी छात्रों को यूके में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. हालांकि देश के शीर्ष विश्वविद्यालयों में वह पढ़ने आ सकते हैं.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, ऋषि सुनक इस योजना पर कार्रवाई करने को लेकर विचार कर रहे हैं. हालांकि इससे पहले ही विदेशी छात्रों पर अपने परिवारों को साथ लाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. ऋषि सुनक ने ब्रिटेन में आने वाले छात्रों की तादाद जून में 504,000 के रिकॉर्ड उच्च स्तर तक पहुंचने के बाद छात्र वीजा पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं. डाउनिंग स्ट्रीट ने संकेत दिया है कि छात्रों की तादाद को कम करने की योजना में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रियजनों के लिए बाधाएं डालना और शीर्ष विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रतिबंधित करना शामिल हो सकता है.मीडिया में आईं कुछ खबरों के मुताबिक, ऋषि सुनक आश्रितों को साथ लाने वाले और ब्रिटेन के निम्न गुणवत्ता वाले मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे विदेशी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रहे हैं.
देश में ही सुनक के फैसले का हो रहा है विरोध
हालांकि, यूके के विश्वविद्यालयों के अध्यक्ष प्रो स्टीव वेस्ट को इस बात का भी डर सता रहा है कि विदेशी छात्रों की संख्या को सीमित करने के लिए कोई भी कदम उठाना कुछ विश्वविद्यालयों को बंद करने के लिए मजबूर करेगा. वहां की ढेर सारी यूनिवर्सिटीज विदेशी छात्रों से मिलने वाले फीस पर ही निर्भर है. उन्होंने कहा है कि सरकार का यह कदम पूरे देश में कस्बों और शहरों में एक पूर्ण आपदा होगी जो आंतरिक निवेश को आकर्षित करने के लिए यूनिवर्सिटियों पर भरोसा करते हैं.’’ डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, यह कदम गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन द्वारा खोजे जा रहे आर्थिक समस्याओं के हल के मुताबिक है.
भारतीय समुदाय ने जताया विरोध
सरकार के इस फैसले के बाद भारतीय समुदाय के नेतृत्व वाले छात्र संगठन ने ब्रिटेन सरकार से आग्रह किया है कि देश में आने वाले प्रवासियों की तादाद में विदेशी छात्रों को शामिल नहीं किया जाए. ब्रिटेन में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के हित के लिए अभियान चलाने वाले नेशनल इंडियन स्टूडेंट एंड एल्युमनाई यूनियन ने कहा है कि मनमाने ढंग से विश्वविद्यालयों को वरीयता देने का कोई भी कदम लंबे वक्त के लिए प्रतिकूल साबित होगा. एनआईएसएयू की अध्यक्ष सनम अरोड़ा ने कहा, “जो छात्र अस्थायी रूप से ब्रिटेन में हैं, उन्हें प्रवासियों के रूप में नहीं गिना जाना चाहिए.”
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