लखनऊ: मजलिस मरसिया नौहा ख्वानी के लिए लखनऊ अपनी खास पहचान रखता है. लखनऊ में बड़ी तादाद में ऐसे शायर ए अहलेबैत गुजरे हैं जिन्होंने नवासा ए रसूल इमाम हुसैन और कर्बला के वाक़िये को अदब के साथ खूबसूरत अंदाज़ में पेश किया है. जिसके चलते इन दिनों लखनऊ के नाज़िम साहब के इमामबाड़े में मोहर्रम में मर्सिये ख्वानी की मजलिस का ख़ास एहतमाम किया गया है. इसमें मुख्तलिफ आलिम ए दीन ने इमाम हुसैन के फ़ज़ाएल और मसाएब को पेश किया. 


मिर्ज़ा दबीर और अनीस के मर्सिये पढ़े गए


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लखनऊ में नाजिम साहब के इमामबाड़े में 9 दिन तक लगातार मर्सिये की मजलिस का सिलसिला जारी रहा. मिर्जा दबीर और अनीस के दिल सोज़ शायरी से उलमा ने लोगो को वाक़िये कर्बला सुनाया. अशरे की आखिरी मजलिस में फ़ैज़ बाक़िर ने इमाम हुसैन के हाल का मर्सिया पढ़ा, जिसमें अज़ादारों ने इमाम हुसैन को अश्कवार होते हुए याद किया और दिल खोल कर इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों को पुरसा पेश किया. 


मर्सिये की मजलिस ख़ूब की जाती है पसंद


आमतौर पर अगर लखनऊ की बात करें तो उर्दू और हिंदी के लफ़्ज़ों के साथ मजलिस होती है. जिसको तमाम उलमा ख़िताब करते हैं लेकिन मरसिए की मजलिस बहुत कम और चुनिंदा जगह पर सुनने को मिलती है. इस बार कोरोना के बाद यह पहला मौका था जब पुराने लखनऊ स्थित नाजिम साहब के इमामबाड़े में मर्सिये की मजलिसों का पूरा अशरा मनाया गया और वहां लगातर 9 मजलिसों का एहतिमाम किया गया था जिसमें अलग-अलग उलमा ने कर्बला के शहीदों की याद में मरसिए की मजलिस को खिताब किया जिसमें बड़ी तादाद में लोगों ने शिरकत करके इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों को नजराना ए अकीदत पेश किया.


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लखनऊ में ये रास्ते रहेंगे बंद


गौरतलब है कि भारत में आज 9 अगस्त को मोहर्रम मनाया जा रहा है. आज ही मोहर्रम का जुलूस 9 अगस्त को निकाला जाएगा. वहीं आज लखनऊ में ताजिया जुलूसों के चलते मंगलवार को लखनऊ के कई रास्ते बंद रहेंगे. यह डायवर्जन सुबह सात बजे से जुलूस समाप्ति तक लागू रहेगा. जुलूस नाजिम साहब के इमामबाड़ा होते हुए चौकी पाटानाला चौक से शुरू होकर नक्खास, बाजारखाला कर्बला तालकटोरा पहुंचकर खत्म होगा.


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