Sad Poetry Hindi: शायरी एक फन है. अलग-अलग शायर अलग-अलग मुद्दों पर शायरी लिखते हैं. जिन मौजूं पर सबसे ज्यादा शायरी लिखी जाती है उनमें मोहब्बत और गम शामिल है. कई शायरों ने गम को अपनी शायरी का मौजूं बनाया है. आज हम आपके सामने पेश कर रहे हैं गम पर शायरी.


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कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी 
सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी 
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़


दर्द ऐसा है कि जी चाहे है ज़िंदा रहिए 
ज़िंदगी ऐसी कि मर जाने को जी चाहे है 
कलीम आजिज़


बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता 
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता 
निदा फ़ाज़ली


दोस्तों को भी मिले दर्द की दौलत या रब 
मेरा अपना ही भला हो मुझे मंज़ूर नहीं 
हफ़ीज़ जालंधरी


आज तो दिल के दर्द पर हँस कर 
दर्द का दिल दुखा दिया मैं ने 
ज़ुबैर अली ताबिश


अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें 
कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं 
जाँ निसार अख़्तर


इश्क़ की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही 
दर्द कम हो या ज़ियादा हो मगर हो तो सही 
जलाल लखनवी


दर्द हो दिल में तो दवा कीजे 
और जो दिल ही न हो तो क्या कीजे 
मंज़र लखनवी


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आदत के ब'अद दर्द भी देने लगा मज़ा 
हँस हँस के आह आह किए जा रहा हूँ मैं 
जिगर मुरादाबादी


ज़ख़्म कहते हैं दिल का गहना है 
दर्द दिल का लिबास होता है 
गुलज़ार


हाल तुम सुन लो मिरा देख लो सूरत मेरी 
दर्द वो चीज़ नहीं है कि दिखाए कोई 
जलील मानिकपूरी


दिल में इक दर्द उठा आँखों में आँसू भर आए 
बैठे बैठे हमें क्या जानिए क्या याद आया 
वज़ीर अली सबा लखनवी


मिरे लबों का तबस्सुम तो सब ने देख लिया 
जो दिल पे बीत रही है वो कोई क्या जाने 
इक़बाल सफ़ी पूरी


भीगी मिट्टी की महक प्यास बढ़ा देती है 
दर्द बरसात की बूँदों में बसा करता है 
मरग़ूब अली


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