Sambhal Lok Sabha Chunav Result 2024 Live: जिया उर रहमान बीजेपी के परमेश्वर लाल सैनी से 32213 वोट से आगे
Sambhal Lok Sabha Chunav Result 2024: आज लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने वाले हैं और संभल लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के जिया उर रहमान और बीजेपी के परमेश्वर लाल सैनी के बीच कांटे की टक्कर है.
Sambhal Lok Sabha Chunav Result 2024: उत्तर प्रदेश की संभल लोकसभा सीट काफी वक्त से समाजवादी पार्टी का वर्चस्व रहा है. संभल से जिया उर रहमान को 454927 वोट मिले हैं और वह 116699 वो आगे चल रहे हैं. उनके खिलाफ खड़े हुए बीजेपी नेता परमेश्वर लाल सैनी को 338228 वोट मिले हैं. वहीं बीएसपी के चौधरी सुल्तान अली को 123475 वोट मिले हैं.
इस लोकसभा सीट पर मुस्लिम वोटरों की तादाद काफी ज्यादा है. यही वजह है यहां से बीजेपी की जीत काफी मुश्किल मानी जाती है. इस सीट पर जिया उर रहमान बीजेपी के परमेश्वर लाल सैनी से 32213 वोट आगे चल रहे हैं. इस लोकसभा चुनाव में इस सीट से समाजवादी पार्टी के जिया उर रहमान और बीजेपी के परमेश्वर लाल सैनी के बीच कांटे की टक्कर देखने के मिल रही है.
कैसे रहे थे पिछले रिजल्ट
2019 में इस सीट से समाजवादी पार्टी को जीत मिली थी. पिछले लोकसभा चुनाव में यहां से सपा के शफीकुर रहमान बर्क 6,58,006 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी के परमेश्वर लाल सैनी को 4,83,180 वोट और कांग्रेस के मेजर जगत पाल सिंह को 12,105 वोट मिले थे.
वहीं अगर बात करें 2014 की तो संभल में 62.4 फीसद वोट डाले गए थे. बीजेपी के सत्यपाल सैनी और समाजवादी पार्टी के शफीक उर रहमान बर्क के बीच केवल पांच हजार वोटों का अंतर था. वहीं तीसरे नंबर पर बहुजन समाजवादी पार्टी के अकील उर रहमान खान तीसरे नंबर पर थे.
क्या है इस सीट का इतिहास
संभल लोकसभा सीट 1977 में अस्तित्व में आई थी. इमरजेंसी के बाद यहां पहली बार चुनाव हुआ था और तब चौधरी चरण सिंह ने एक बेहतरीन जीत हासिल की थी. इसके बाद 1980 और 1984 लगातार यहां कांग्रेस जीतती आई है. इसके बाद 1989 और 1991 में यहां से जनता दल ने चुनाव जीता था. इसक बाद 1996 में यहां से बीएसपी के डीपी यादव चुनाव जीते.
वीआईपी सीटों में होती है गिनती
इस सीट की गिनती वीआईपी सीटों में होती है. 1998 में यहां से समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह ने चुनाव लड़ा था और जीत हासिलकी थी. इसके बाद वह 1999 में भी वह यहां से चुनाव जीते और 2004 में उनके भाई प्रोफेसर रामगोपाल यादव यहां से सासंद बने. 2009 में यह सीट बहुजन समाजवादी पार्टी के पास चली गई थी.