Sambhal Shahi Masjid: संभल की शाही मस्जिद के सामने बनी चैकी के बराबर में एक टीले को लेकर दावा किया गया. दावा करने वाले कश्यप समाज का कहना है कि पहले यहां एक पेड़ हुआ करता था और उस पेड़ की पूजा हुआ करती थी. यह पहले कश्यप समाज का देव स्थान था. इस मामले को लेकर एडिशनल एसपी को ज्ञापन सौंपा गया है. 


चौकी के बराबर में दावा


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दावा किया गया है कि यहां पृथ्वीराज चौहान की होली जलाई जाती थी. होली के बाद कार्तिक महीने में वाला पूजन हुआ करता था. 1978 के दंगे के बाद इस पेड़ को तबाह कर दिया गया था. ऐसे में कश्यप समाज की अपील है कि इस जगह को वापस किया जाए.


ज्ञापन में क्या कहा गया है?


ज्ञापन में कहा गया है कि इस जगह हमारा देव स्थान है. इस जगह की हमेशा हमारे समाज के जरिए पूजा की जाती रही है. इस जगह पर आंवला का पेड़ हुआ करता था. जिसका पूजन आंवला नवमी पर हुआ करता था, इसके साथ ही यह यह जगह पृथ्वीराज की होली के तौर पर भी फेमस रही है.


देव स्थान को तोड़ा गया


ज्ञापन में कहा गया है कि उस जगह को असमाजिक तत्वों के जरिए तोड़ दिया गया, और पेड़ को भी काट दिया गया. जब हमारे समाज के लोग उस जगह पूजा करने जाते तो उन्हें भगा दिया जाता था. अब उस जगह को टीले के तौर पर तब्दील कर दिया गया है, और अब वह पब्लिक प्रोपर्टी हो गई है, जहां बच्चे खेलते हैं.


लोगों ने की खरीद फरोख्त


इसके साथ ही दावा किया गया है कि उस जगह को कुछ असमाजिक तत्वों के जरिए सांठ-गांठ से बेच दिया गया है. इसके साथ ही उसके फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर दिया गया है. अब कश्यप समाज की मांग है कि इस जमीन को वापस किया जाए.


बता दें, संभल में शाही मस्जिद के विवाद के बाद कई जगहों पर मंदिर होने का दावा किया गया. एक जगह पर खुदाई भी जारी है, जहां से कुआ और कमरे मिले हैं. वहीं देश के अलग-अलग हिस्सों में मंदिरों के मिलने का सिलसिला जारी है.