Ajmer Sharif Dargah: पाकिस्तान हुकूमत की ओर से चादर पेश करने आ रहे हैं जायरीन, स्वागत के लिए प्रशासन तैयार, सुरक्षा और ठहरने की व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
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Ajmer Sharif Dargah: पाकिस्तान हुकूमत की ओर से चादर पेश करने आ रहे हैं जायरीन, स्वागत के लिए प्रशासन तैयार, सुरक्षा और ठहरने की व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम

Ajmer Sharif Dargah: ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 813वें उर्स के अवसर पर पाकिस्तानी जायरीन 6 जनवरी को विशेष ट्रेन से अजमेर पहुंचेंगे. यह ट्रेन पाकिस्तान से चलकर अजमेर पहुंचेगी और पाकिस्तानी जायरीन ख्वाजा साहब के उर्स में शामिल होंगे.
 

Ajmer Sharif Dargah: पाकिस्तान हुकूमत की ओर से चादर पेश करने आ रहे हैं जायरीन,  स्वागत के लिए प्रशासन तैयार, सुरक्षा और ठहरने की व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
Ajmer Sharif Dargah: विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 813वें उर्स के अवसर पर पड़ोसी देश पाकिस्तान से भी जायरीन का एक जत्था अजमेर आ रहा है. यह जत्था 4 जनवरी को पाकिस्तान से अटारी बॉर्डर पार करके पहले दिल्ली जाएगा और फिर 6 जनवरी की रात को स्पेशल ट्रेन से अजमेर पहुंचेगा, जहां वे ख्वाजा साहब के उर्स में शामिल होंगे.
 
अजमेर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स में शामिल होने वाले पाकिस्तानी जायरीन के लिए अजमेर में विशेष व्यवस्था की गई है. इन जायरीनों को चूड़ी बाजार स्थित केंद्रीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में ठहराया जाएगा. इसके अलावा, अजमेर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त भरतराज गुर्जर को संपर्क अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो पाकिस्तानी जायरीन के ठहरने और जियारत आदि की समस्त व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करेंगे.

 
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी एजाज अहमद को अतिरिक्त संपर्क अधिकारी और तहसीलदार ओम सिंह लखावत को सहायक संपर्क अधिकारी नियुक्त किया गया है. पाकिस्तान से आने वाले जायरीन का जत्था विशेष ट्रेन से 6 जनवरी की रात को अजमेर पहुंचेगा और 10 जनवरी को वापस अजमेर से लौट जाएंगे.
 

 

पाकिस्तानी जायरीन के अजमेर आगमन के लिए प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. एनआईसी के संयुक्त निदेशक तेज सिंह रावत को प्रभारी और भू अभिलेख निरीक्षक राजवीर सिंह को सहायक प्रभारी नियुक्त किया गया है, जो पाकिस्तानी जायरीन के सी फॉर्म भरने में मदद करेंगे. इस बार 125 पाकिस्तानी जायरीन अजमेर आने की सूचना है, जबकि गत वर्ष 230 पाक जायरीन अजमेर आए थे. प्रशासन ने जायरीन के रहने, खाने और ठहरने की व्यवस्था करने के लिए आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं.
 
पाकिस्तान से आने वाले जायरीन को केवल अजमेर का वीजा मिलता है, जिसके तहत वे अपने रहने के स्थान से अजमेर दरगाह तक ही आ-जा सकते हैं. पाक जायरीन की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए जाते हैं. पाकिस्तान से आने वाले जायरीन दरगाह में पाकिस्तानी हुकूमत और अवाम की ओर से दरगाह में चादर पेश करते हैं. यह एक महत्वपूर्ण परंपरा है जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को मजबूत बनाती है.
 

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