Sandeshkhali Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शेख शाहजहां के छोटे भाई शेख आलमगीर और दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया है. तीनों की गिरफ्तारी ईडी पर हमला करने के मामले में हुआ है. दरअसल ईडी 5 जनवरी को ईडी शाहजहां के यहां छापा मारने आई थी, उसी दौरान एजेंसी पर हमला हुआ था. राज्य पुलिस ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद इस महीने की शुरुआत में शेख शाहजहां को सीबीआई को सौंप दिया था, जिसने केंद्रीय एजेंसी को ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच करने के लिए कहा था.


क्या है टीएमसी नेता पर आरोप?


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टीएमसी के कद्दावर नेता पर अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में जमीन हड़पने, जबरन वसूली और स्थानीय महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध करने का आरोप है. सीबीआई अधिकारियों ने कहा,"आलमगीर और उसके दो सहयोगियों को 5 जनवरी की हिंसा के संबंध में पूछताछ के लिए सीबीआई कार्यालय में बुलाया गया था. उन्हें शनिवार शाम को गिरफ्तार कर लिया गया."


बीजेपी ने बनाया राजनीतिक मुद्दा


शनिवार को लोकसभा चुनावो के ऐलान से पहले से ही विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने संदेशखाली को एक राजनीतिक मुद्दा बनाया हुआ  है. 1 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल के हुगली जिले के आरामबाग में बीजेपी की चुनावी रैली को संबोधित किया. मोदी ने शाहजहां या उनके सहयोगियों का नाम लिए बिना कहा, संदेशखाली में महिलाओं की पीड़ा ने देश को झकझोर कर रख दिया है और बंगाल के लोगों को टीएमसी से बदला लेने के लिए अपने वोटों का इस्तेमाल करना चाहिए.


बता दें, शाहजहां को 55 दिनों तक छुपे रहने के बाद 28 फरवरी को राज्य पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी भाजपा के निशाने पर आ गईं. ईडी ने शाहजहां के घर पर छापा मारा क्योंकि वह करोड़ों रुपये के सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) मामले में संदिग्ध थे. इस मामले में पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को पिछले साल 27 अक्टूबर को ईडी ने गिरफ्तार किया था. ईडी ने आरोप लगाया है कि राशन की दुकानों के लिए सब्सिडी वाले अच्छे अनाज को खुले बाजार में प्रीमियम पर बेचा गया. गिरफ्तारी के बाद शाहजहां को टीएमसी से 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया है.