Sandeshkhali Case Update: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली दुष्कर्म केस को सत्तारूढ़ पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में को खूब भुनाया. बंगाल की मतता बनर्जी सरकार पर इस मामले को लेकर खूब निशाना साधा. लेकिन इस केस में एक नया मोड़ आ गया है. इस केस की दोनों पीड़िताओं ने बयान देकर हलचल मचा दी है. 


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दरअसल, इस केस की पीड़िता ने बयान दिया है कि उसका दुष्कर्म नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने उससे एक ब्लैंक पेपर सिग्नेचर करवाकर दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करवा दी थी. दैनिक भास्कर ने इस केस की दोनों पीड़िताओं से बात की, इस दौरान दोनों ने भास्कर को चौंकाने वाला बयान दिया.


पीड़िताओं ने दिए ये बयान
इस केस की पहली पीड़िती ने दैनिक भास्कर को बताया, "हमारे साथ रेप नहीं हुआ था, फिर भी उस भाजपा महिला नेता ने मेरी इज्जत को सरेबाजार निलाम कर दिया. उसे इसकी कड़ी सजा मिलनी चाहिए. जब से मैंने आरोप वापस लेने की बात कही है, तब से जान से मारने की धकी मिल रही है. " 
 
वहीं इस केस की दूसरी पीड़िता ने कहा, "मेरे साथ कभी भी रेप नहीं हुआ है, मैं जब उस ( बीजेपी महिला ) नेता से मनरेगा की  बकाया रकम मांगने गई तो उन्होंने यह कहर ब्लैंक पेपर साइन करा लिए और कहा कि तुम्हें जमीन मिल जाएगी.मुझे नहीं मालूम था कि मेरे नाम किसी के खिलाफ रेप की शिकायत की जा रही है." 


पश्चिम बंगाल को बदनाम करने की साजिश; बनर्जी
दोनों महिलाओं के इस बयान के बाद अपोजिशन पार्टियां बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है.  वहीं, इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेशनल सेक्रेटरी ने अभिषेक  बनर्जी ने शुक्रवार को भाजपा पर पश्चिम बंगाल को बदनाम करने के लिए संदेशखाली मामले में "साजिश" करने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने महिलाओं से कोरे कागज पर सिग्नेचर कराए और फिर संदेशखाली में उन पर यौन अत्याचार का आरोप लगाते हुए एनसीडब्ल्यू को शिकायतें भेजी गईं.


संदेशखाली मुद्दे पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने इसे, "आजादी के बाद बंगाल को बदनाम करने की एक बड़ी साजिश" करार दिया.  इससे पहले TMC ने कहा था कि वह एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष रेखा शर्मा के खिलाफ "संदेशखली मामले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक होने" के लिए चुनाव आयोग के सामने शिकायत दर्ज करेगी.