नई दिल्ली: यह आम राय है कि सर्दी में लोग काम कम, आराम ज्यादा करना चाहते हैं. सर्दी में अक्सर लोग घर के अन्दर ही रहना पसंद करते हैं. लोगों से मिलना बात करना भी कम हो जाता है. सर्दी में अक्सर चीजें ठंडी हो जाया करती हैं. कई शायर के मुताबिक सर्दी का मतलब है अरमानों का सर्द पड़ जाना. एहसासों का जम जाना. सर्दी में परदेसियों और गरीबों को खासी परेशानी हो जाती है. सर्दी को शायर इस तरह से भी लेते हैं कि इस मौसम में लोग अक्सर मतलबी हो जाया करते हैं, अपने में गुम हो जाते हैं. इस पर शायर ने अपनी कलम चलाई है. 
सर्दी में धूप अच्छी लगती है. जैसे लोग सर्दी से परेशान होकर धूप का इंतिजार करते हैं और थोड़ी धूप मिलते ही  सुकून महसूस करते हैं, वैसे ही शायर अपने महबूब के लिए बेचैन रहता है और उसका चेहरा देख कर इतमिनान पाता है. 
जिस शख्स में जज्बात नहीं होते उसे भी सर्दी से ताबीर किया जाता है. इस तरह शायर ये समझता है कि सर्दी में अगर गरमाहट मिले तो राहत मिलती है, उसी तरह अगर महबूबा अपने आशिक को याद कर ले तो उसे चैन आता है. कई शायर ने सर्दी को अपनी शायरी का मौजूं बनाया है और इस ताल्लुक से बेहतरीन शेर लिखे हैं.


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तेज़ धूप में आई ऐसी लहर सर्दी की
मोम का हर इक पुतला बच गया पिघलने से
-क़तील शिफ़ाई


सर्दी और गर्मी के उज़्र नहीं चलते
मौसम देख के साहब इश्क़ नहीं होता
-मुईन शादाब


ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ 
हम अपने शहर में होते तो घर चले जाते 
-उम्मीद फ़ाज़ली


इस बार इंतिज़ाम तो सर्दी का हो गया
क्या हाल पेड़ कटते ही बस्ती का हो गया
-नोमान शौक़


लगी रहती है अश्कों की झड़ी गर्मी हो सर्दी हो
नहीं रुकती कभी बरसात जब से तुम नहीं आए
-अनवर शऊर


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ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे 
जो हो परदेश में वो किससे रजाई मांगे
-राहत इंदौरी 


सर्दी में दिन सर्द मिला
हर मौसम बेदर्द मिला
-मोहम्मद अल्वी


अब की सर्दी में कहाँ है वो अलाव सीना
अब की सर्दी में मुझे ख़ुद को जलाना होगा
-नईम सरमद


दिसम्बर की सर्दी है उस के ही जैसी
ज़रा सा जो छू ले बदन काँपता है
-अमित शर्मा मीत


तुम तो सर्दी की हसीं धूप का चेहरा हो जिसे
देखते रहते हैं दीवार से जाते हुए हम
-नोमान शौक़


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