Saudi Arabia: सऊदी अरब ने राष्ट्रीय दिग्गज कंपनी अरामको के तेल के इलाके से मिले नमकीन पानी के सैंपल्स से लिथियम को निकाला है, और जल्द ही इस एक्सट्रैक्शन प्रोग्राम को आगे ले जाने के लिए पायलट प्रोग्राम शुरू करने का प्लान बना रहा है.


सऊदी अरब में मिला लीथियम


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खालिद अल-मुदाइफर ने रॉयटर्स को बताया कि किंग अब्दुल्ला यूनिवर्सिटी फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के जरि शुरू की गई स्टार्ट-अप कंपनी लिथियम इनफिनिटी, जिसे लिहाइटेक के नाम से भी जाना जाता है, सऊदी खनन कंपनी मा'अदेन और अरामको के सहयोग से इस प्रोग्राम को लीड करेगी.


उन्होंने कहा,"वे किंग अब्दुल्ला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में विकसित अपनी नई टेकनोलोजी के जरिए लिथियम निकाल रहे हैं और इस मामले में वे तेजी से विकास कर रहे हैं." अल-मुदाइफर ने कहा, "वे तेल इलाकों में एक कमर्शियल पायलट का निर्माण कर रहे हैं.


किस काम आता है लीथियम?


लिथियम इलेक्ट्रिक कारों, लैपटॉप और स्मार्टफोन की बैटरियों को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. बता दें, रॉयटर्स ने पहले खुलासा किया था कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की राष्ट्रीय तेल कंपनियों ने तेल अपवाह से खनिज निकालने की योजना बनाई है.


खारे पाने से निकालने में ज्यादा लागत


एक्सॉन मोबिल और ऑक्सिडेंटल पेट्रोलियम सहित दूसरी तेल कंपनियां, नमकीन पानी से लिथियम को छानने के लिए उभरती टेकनोलोजी का फायदा उठाने की योजना बना रही हैं. उप मंत्री ने कहा कि हालांकि तेल इलाकों से निकलने वाले खारे पानी से लिथियम निकालने की लागत नमक के मैदानों से निकालने की पारंपरिक विधि की तुलना में ज्यादा है, फिर भी उन्हें उम्मीद है कि अगर लिथियम की कीमतें बढ़ेंगी तो इस से प्रोग्राम को फायदा होगा.


बुधवार को रॉयटर्स को दिए गए बयान में अरामको ने कहा कि लिथियम कंपनी के लिए यह एक इंटेरेस्ट एरिया है और वह अपने फील्ड्स में लीथियम की मौजूदगी और उसके निकलने का मूल्यांकन कर रही है. इ