Sayyed Maqbool Died: प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) का सैयद मकबूल उर्फ ​​जुबैर और 2013 दिलसुखनगर विस्फोट मामले के एक दोषी की गुरुवार 25 जुलाई को चेरलापल्ली सेंट्रल जेल में इलाज के दौरान मौत हो गई. वह 44 साल का था.


सैयद मक़बूल की अस्पताल में मौत


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मूल रूप से महाराष्ट्र के नांदेड़ का रहने वाला मकबूल 2013 में दिलसुखनगर बम विस्फोट (Dilsukhnagar Bomb Blast) में शामिल होने की वजह से आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, जिसकी वजह से 18 लोगों की मौत हुई थी और 130 से अधिक लोग घायल हुए थे.


रियाज़ भटकल से थे ताल्लुक


राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उस पर पाकिस्तान में मौजूद रियाज भटकल सहित आईएम के उच्च पदस्थ सदस्यों तथा भारत में अन्य आतंकवादियों के साथ मजबूत संबंध होने का आरोप लगाया था. आईएम ने देश भर में कई हमलों की साजिश रची थी, जिसमें हैदराबाद मुख्य लक्ष्य था.


सैयद मकबूल को 2013 में गिरफ्तार किया गया और अक्टूबर 2023 में दिल्ली की एक अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.  सजा सुनाए जाने के बाद, उसे तेलंगाना में मामलों से संबंधित सजा काटने के लिए नवंबर में चेरलापल्ली जेल में शिफ्ट कर दिया गया था.


क्या है दिलकुशनगर बॉम्ब ब्लास्ट


21 फरवरी, 2013 को भारत के हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में दो बम विस्फोट हुए, जिसकी वजह से 18 लोग मारे गए और लगभग 131 लोग घायल हो गए. विस्फोट भीड़भाड़ वाले शॉपिंग इलाके में हुए, पहला बम विस्फोट शाम लगभग 7:02 बजे आनंद टिफिन्स के पास हुआ, और दूसरा विस्फोट दो मिनट बाद दिलसुखनगर बस स्टैंड के पास, वेंकटाद्री थिएटर के पास हुआ.


ऐसे किए थे ब्लास्ट


यह दोनों ही आईईडी ब्लास्ट थे, जिसमें लोहे की कीलों और बोल्ट का इस्तेमाल किया गया था. अमोनियम नाइट्रेट से बना यह बम ज्यादा से ज्यादा हताहत करने के लिए डिज़ाइन किया गया था. जांच से पता चला कि विस्फोटकों को विस्फोट स्थल पर खड़ी साइकिलों पर रखा गया था. सीसीटीवी फुटेज में पांच लोगों को कैद किया गया है, जिनके बारे में माना जा रहा था कि उन्होंने बम रखे थे.


यासीन भटकल सहित इंडियन मुजाहिदीन के प्रमुख लोगों को गिरफ्तार किया गया और बाद में बम विस्फोटों में उनकी भूमिका के लिए मौत की सजा सुनाई गई. दिसंबर 2016 में, एक विशेष अदालत ने भटकल और चार अन्य को देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और विस्फोटों से संबंधित अन्य आरोपों के लिए मौत की सजा सुनाई.