आज औरत आज़ाद है. औरत ख़ुदमुख़्तार है और तरक़्क़ी की इस दौड़ में बराबर की शरीक है. यही वजह है कि औरत सरकारी महकमों से लेकर प्राईवेट शोबों तक में बाख़ूबी अपनी ज़िम्मेदारियों को निभा रही है. लेकिन यहीं एक अहम बात है जिसको नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता वो ये है कि सरकार की जानिब से मुसलसल कई तरह के इक़दामात आए दिन ख़्वातीन को इस तरक़्क़ी की राह पर ग़ामज़न रहने के लिए किए जा रहे हैं. मरकज़ी हुकूमत और रियासती हुकूमतें मिल कर ख़्वातीन को ख़ुदमुख़्तार बनाने के लिए आए दिन कई तरह के इक़दामात करती रहती हैं. 


केंद्र सरकार की तरफ से चलाई जा रही स्कीम


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
सुकन्या समृद्धि योजना
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना
फ्री सिलाई मशीन योजना
प्रधानमंत्री समर्थ योजना


मुल्क की मुख़्तलिफ़ रियासतों में ख़्वातीन को ख़ुदमुख़्तार बनाने की सिम्त में कई अहम इक़दामात किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं. रियासती हुकूमत के तआवून से इस तरह की स्कीम्स लॉन्च की जा रही हैं, जिससे ख़्वातीन भी हर शौबे में तरक़्क़ी राह में कंधे से कंधा मिला कर चल सकें.


सरकारी स्कीम से मिल रहा दिल्ली को फायदा


ख़्वातीन कमिशन की चेयरपर्सन रेखा शर्मा के मुताबिक "एक ख़ातून का ख़ुदमुख़्तार होना ज़रूरी है. क्योंकि उससे ख़ातून के अंदर कॉनिफिडेंस आता है और अपने बच्चों की परवरिश बेहतर तरीक़े से कर सकती है. साथ ही ये भी कहा कि लड़कियों को शादी में जल्दी ना करके पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए. हुकूमत ने बहुत सारे मंसूबे ऐसे शुरू किए हैं जिसका सीधा फायदा ख़्वातीन को मिल रहा है. उज्जवला योजना से लेकर सवच्छ भारत अभियान के तहत बैतुलख़ला बनाने तक, हर तरह से स्कीम्स के ज़रिए ख़्वातीन मुस्तफ़ीद हैं. क़ौमी ख़्वातीन कमिशन की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने बताया कि इन स्कीम्स के ज़रिए ख़्वातीन की हौसला अफ़ज़ाई की जाती है जिससे ख़्वातीन की पर्सनेलिटी में भी निखार हो सके.


जम्मू कश्मीर


जम्मू कश्मीर में ख़्वातीन को ख़ुदमुख़्तार बनाने की सिम्त में कई तरह के इक़दामात किए जा रहे हैं. मरकज़ी हुकूमत की जानिब से जम्मू कश्मीर की ख़्वातीन को भी कई तरह की स्कीमों के तहत फ़ायदा मिल रहे हैं. मरकज़ी हुकूमत की जानिब से चलाई जा रही स्कीम्स में जम्मू कश्मीर की ख़्वातीन लाडली बेटी स्कीम से मुस्तफ़ीद हैं. इसके अलावा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत शुरू किए गए मंसूबों में लाडली, कन्याश्री प्रकल्प मंसूबे के अलावा ख़्वातीन को खुदमुख़्तार बनाने के लिए कई तरह की अहम स्कीम्स शामिल हैं. ख़्वातीन को बाइख़्तियार, और आत्मनिर्भर बनाने के लिए जम्मू कश्मीर बैंक की जानिब से भी लोन दिया जा रहा है, जिसकी मदद से ख़्वातीन छोटे बड़े कारखाने बना कर अपने काम की शुरूआत कर सकती हैं. Integrated child Development services की DPO यानि जिला प्रोग्राम ऑफिसर जीनत आरा ने बताया कि किस तरह से जम्मू कश्मीर सरकारी महकमा ICDS में हामला ख़्वातीन के लिए जच्चा और बच्चा कई मंसूबों से मुस्तफीद हैं.


यह भी पढ़ें: भूल से भी Google पर इन चीजों को न करें सर्च, हो सकती है जेल की सजा!


राजस्थान 


राजस्थान हुकूमत ने महिलाओं के लिए पांच बड़ी स्कीम्स चलाई है
1. महिला हेल्प लाइन योजना 181
2. इंद्रा महिला शक्ति प्रत्साहन एव प्रत्साहन योजना
3. मुख्यमंत्री राज श्री योजना
4. आईएम शक्ति उड़ान योजना
5. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
राजस्थान हुकूमत में वक्फ बोर्ड के चेयरमैन खानू खान बुधवाली ने बताया कि जिस तरह से ख़्वातीन के लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार की जानिब से मंसूबे चलाए जा रहे हैं. वो अपने आप में ही क़ाबिले सताईश हैं. राजस्थान के मुस्तफ़ीदीन से बात की तो पता चला कि अवाम के लिए इस वक़्त में सबसे बेहतरीन मंसूबों में 'उड़ान योजना' सरे फ़हरिस्त है. हालांकि राजस्थान में समाजी कारकुन मेमुना नर्गिस ने थोड़ी सी मायूसी जताते हुए कहा कि कई बार ऐसा होता है कि अच्छी स्कीम्स बना तो दी जाती हैं, लेकिन उन मंसूबों को अमली जामा पहनाने में ताख़ीर होती है. कुल मिला कर राजस्थान में कई अहम मंसूबे हैं जिससे ख़्वातीन मुस्तफ़ीद हैं. कई बार हुकूमत की जानिब से तो स्कीम्स की शुरूआत कर दी जाती है लेकिन इनको अमली जामा पहनाने में ताख़ीर होती है.


मुंबई 


मुंबई में महिला बचत गति, सुकनिया योजना, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, उज्ज्वला योजना और इंदिरा गांधी विधवा योजना चलाई गई हैं. इसके तहत ख्वातीन को ख़ुदमुख़्तारी में मदद मिल रही है. वाज़ेह रहे कि महिला बचत गति में 10 ख़्वातीन का ग्रुप होता है. महिला बचत गति में पर्सनल लोन 2 लाख या जीआरपी लोन 10 लाख तक मिलता है और अहम बात ये है कि अगर ये लोन वक़्त पर वापस कर दें तो जो सूद अब तक दिया होगा वो वापस हो जाएगा. ख़्वातीन की खुदमुख़्तारी के लिए कॉन्फिडेंस सबसे अहम है. बात अगर विधवा योजना की करें तो अगर विधवा के बेटे की उमर 25 साल से है तो उनको महाना तौर पर 1000 से 1200 रुपये मिलते हैं. सुकनिया स्कीम में 10 साल से कम उमर की लड़कियों का अकाउंट खुलता है जिसमें 18 साल की उमर में रिटर्न मिलता है, जिससे वो उन पैसों का इस्तमाल पढ़ाई या शादी के ख़र्च को पूरा कर सकें. 


कुल मिला कर मुल्क की मुख़्तलिफ़ रियासतों में ख़्वातीन को खुदमुख़्तार बनाने और उनको तरक़्क़ी की दौड़ बराबर से शरीक करने के लिए सरकार की जानिब से अहम इक़दामात किए जा रहे हैं.


Video: