नई दिल्ली: ख्वाजा ग़रीब नवाज़ की अजमेर शरीफ़ दरगाह की इंतेज़ामिया कमेटी का  2022-23  का इंतेख़ाबअमल में आया. दरगाह कमेटी के चेयरमैन और नायब सदर के ओहदे के लिए इंतेख़ाब नई दिल्ली में सेंट्रल वक्फ़ काउंसिल, ऑडिटोरियम में मुनक़्क़िद हुआ. इस मौक़े पर दरगाह कमेटी के सभी मेंबरान ने इत्तेफ़ाक़े राय से सैयद शाहिद हुसैन रिज़्वी को चेयरमैन ओहदे के लिए मुंतख़ब किया  जबकि नायब सद्र के ओहदे के लिए मुनव्वर खान को दूसरी बार चुना गया.  बैठक में दरगाह कमेटी के रुक्न अमीन पठान, सैयद बाबर अशरफ़, क़ासिम मलिक, सपात ख़ान, फारूक़े आज़म, वसीम राहत अली, जावेद पारेख के साथ वज़ारते अक़लियत के एडिशनल सेक्रेटरी मोहम्मद नदीम खान मौजूद रहे, बैठक में एजेण्डा बतौर सेक्रेटरी शादान जे़ब खान ने पेश किया.


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बजट बैठक में खान ने साल 2022-23 का बजट पेश किया. इसपर पर चर्च 01 जुलाई को अजमेर में होने वाली बैठक में की जाएगी. इस मौक़े पर नौमुंतख़ब चेयरमैन और नायब सद्र को लोगों ने मुबारकबाद पेश की. दोनो ही ओहदेदारों ने इसे ग़रीब नवाज़ की इनायत बतायी और तमाम ओहदेदारान के साथ साथ मरकज़ी वज़ीर मुख़्तार अब्बास नक़वी का शुक्रिया अदा किया.



सैयद शाहिद हुसैन रिज्वी सुप्रीम कोर्ट में सीनीयर एडवोकेट है, इसके अलावा कई शोबों और बोर्ड में बतौर मेंबर अपनी ख़िदमात अंजाम दे चुके है। इस मौक़े पर नौमुंतख़ब कमेटी के चेयरमैन शहिद हुसैन रिज़वी ने दरगाह शरीफ़ में सफ़ाई निज़ाम के साथ तरक़्क़ीयाकी कामों को पूरा करना अपनी अव्वलीन तरजीह बताया. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि दरगाह आने वाले ज़ायरीन एक अच्छे तजुर्बे के साथ लौटें


इस मौक़े पर दरगाह कमेटी के साबिक़ नायब सद्र और मौजूदा रुक्न बाबर अशरफ़ ने ख़ास बातचीत के दौरान कहा कि अजमेर शरीफ़ अम्नो सलामती का एपि सेंटर है. यहां से हमेशा मुहब्बत और इंसानी ख़िदमत का पैग़ाम आम किया गया. मौजूदा हालात को देखते हुए ग़रीब नवाज़ की तालीमात और पैग़ामात को कसरत से आम करने की सख़्त ज़रुरत है. उन्होने दरगाह कमेटी की कारगुज़ारियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि पिछले कुछ बरसों से दरगाह इंतेज़ामिया ने क़ाबिले तारीफ़ काम अंजाम दिए हैं. आइंदा मंसूबों का ज़िक्र करते हुए सैय्यद बाबर अशरफ़ ने कहा कि हमारा इरादा है कि मस्जिद का इक्सपेंशन किया जाए. दरवाज़ों को और चौड़ा किया जाए, हेल्थ सहूलतों की फ़राहमी आसान की जाए और 24 घंटे का अनाउंसमेंट जारी रहे ताकि दरगाह आने वाले ग़रीब नवाज़ के किसी भी ज़यार या अक़ीदतमंद को कोई तकलीफ़ या दुशवारी पेश न आए.


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