Advertisement
  • Abbas Mehdi Rizvi

    अब्बास मेहदी रिजवी

    Output Head Zee Salaam

Stories by Abbas Mehdi Rizvi

18 साल का वो मुस्लिम 'डॉक्टर' जिसने दुनिया को दिया इलाज का नया तरीक़ा

Bu Ali Sina

18 साल का वो मुस्लिम 'डॉक्टर' जिसने दुनिया को दिया इलाज का नया तरीक़ा

Who Was Bu Ali Sina: उज़बेकिस्तान के बुख़ारा शहर के सुल्तान नूह बिन मंसूर बीमार पड़ गए. बीमारी ऐसी की शिफ़ा मिल ही नहीं रही थी. उस ज़माने के तमाम हकीम और तबीब की कोई दवा कारगर साबित नहीं हो रही थी. इसी दौरान 18 साल के बू अली सीना (Bu Ali Sina) को पता चला. इब्ने सीना ने सुल्तान को अपने तजरबात से ऐसी दवा दी कि सुल्तान नूह बिन मंसूर सेहतयाब हो गए. बू अली सीना जैसे कम उम्र और मामूली से तबीब की दवा से सेहत पाकर सुल्तान बहुत ख़ुश हुए, और तोहफ़े के तौर पर उनके लिए एक बड़ी लाइब्रेरी खोलवा दी. ये लाइब्रेरी इब्ने सीना के लिए वरदान साबित हुई.

Nov 6,2022, 22:28 PM IST

कैसे एक मुस्लिम रेहड़ी वाली की बेटी बनी सिंगापुर की राष्ट्रपति!

Indian Origin Leaders In World

कैसे एक मुस्लिम रेहड़ी वाली की बेटी बनी सिंगापुर की राष्ट्रपति!

Indians Who Are Ruling Other Countries: बरतानिया के नए वज़ीरे आज़म ऋषि सुनक के हिंद निज़ाद यानी भारतीय मूल के होने पर हम फ़ख़्र महसूस कर रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिंगापुर की प्रेसीडेंट हमीला याक़ूब और गुयाना के प्रेसीडेंट मोहम्मद इरफ़ान अली भी भारतीय मूल के हैं. यानी इन हस्तियों का आबाई वतन हिंदुस्तान ही है. हलीमा याक़ूब के फ़ादर हिंदुस्तानी मुसलमान थे और सिंगापुर में सरकारी नौकरी करते थे. हिंदुस्तान की बेटी हलीमा जब 8 साल की थी तो वालिद का इंतेक़ाल हो गया. बाप के मरने के बाद मां ने बेटी को मुशकिलों से पाला. घर की गाड़ी चलाने के लिए मां ने ठेला लगा कर गुज़ारा किया.

Oct 25,2022, 21:14 PM IST

क्या आप जानते हैं? AI की शुरुआत करने वाला साइंटिस्ट एक मुसलमान था

Artificial Intelligence

क्या आप जानते हैं? AI की शुरुआत करने वाला साइंटिस्ट एक मुसलमान था

Father of Algorithm: जिस सोशल मीडिया की टाइम लाइन पर आप मेरा वीडियो देख रहे हैं या दूसरे वीडियोज़ आप देखते और सर्च करते हैं. उसके पीछे एक प्रोग्रामिंग एक आर्टिफ़ीशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) एलगोरिद्म काम करता है. इस एलगोरिदम का तसव्वुर सबसे पहले एक मुस्लिम साइंटिस्ट मोहम्मद इब्न मूसा अल-ख़्वारिज़्मी ने पेश किया. इन्होंने ही रोमन में की जाने वाली गिनती को इंडो अरबिक नंबर में तब्दील किया. यानी जो रोमन का एक दो तीन होता था उसे हमारी ज़बान में राएज गिनती में बदला.और डेसीमल यानी दशमलव को भी इन्होंने ही गिनती में शामिल किया.

Oct 4,2022, 20:49 PM IST

Al-Zahrawi: 1200 साल पहले दुनिया का पहला सर्जन था एक मुसलमान!

World Best surgeon

Al-Zahrawi: 1200 साल पहले दुनिया का पहला सर्जन था एक मुसलमान!

Father of Surgery: अबुल क़ासिम अल ज़हरवी पहले सर्जन थे जिन्होंने सबसे पहले ऑपरेशन किया, जी हां दुनिया का सबसे पहला ऑपरेशन मुसलमान ने ही किया था. इन्होंने एक ऑंख वाले आदमी के मोतियाबिंद का क्रिटिकल ऑपरेशन किया था. अल ज़हरवी ने ज़ख़्मों के इलाज, पत्थरी को निकालने, दांतों की सर्जरी, टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने और किसी भी ज़ख़्म पर पट्टी बांधने के तरीक़ों का इजाद किया है. ज़ख़्म से बहते हुए ख़ून को रोकने, ज़ख़्मों पर टांके लगाने का तरीक़ा भी सबसे पहले ढूंढा था, ऑपरेशन से पहले मरीज़ों के जिस्म को सुन करने की दवा भी ढूंढी जिस तरह से आजकल के डॉक्टर या सर्जन इनिसथीसिया देते हैं.

Oct 1,2022, 10:07 AM IST

क्या आप जानते हैं दुनिया का पहला रोबोट बनाने वाला एक मुस्लिम साइंटिस्ट था?

Ismail al-Jazari

क्या आप जानते हैं दुनिया का पहला रोबोट बनाने वाला एक मुस्लिम साइंटिस्ट था?

Father of Robotics: दुबई के इब्ने बतूता मॉल में एक नायाब व नादिर घड़ी की नक़ल है. जो अजीबो ग़रीब अंदाज़ में वक़्त बताती थी. इस घड़ी का ईजाद एक अरब साइंटिस्ट इस्माइल अल जज़री ने किया था. वक़्त को नापने की जुस्तजू में इस्माइल अल जज़री ने ही इस एलिफ़ैन्ट क्लॉक को बनाया था. इस घड़ी में हर आधे घंटे में हाथी की पीठ पर निशान पूरा गोलाई में एक चक्कर पूरा करता है, और हर घंटे के पूरे होने पर हाथी की पीठ पर बैठा महावत एक ढोल बजाता है जिसकी आवाज़ एक घंटे पूरे होने का एलान करती है. ये घड़ी 12वीं सदी के इंजीनियर इस्माइल अल जज़री की बनाई हुई घड़ी की नक़ल है.

Sep 26,2022, 20:21 PM IST

Trending news

Read More