Irfan Solanki: समाजवादी पार्टी (SP) के एमएलए इरफ़ान सोलंकी के ख़िलाफ़ पुराने मामलों की जांच करने की ज़िम्मेदारी अब विशेष जांच दल (SIT) को सौंपी गई है. अब एसआईटी इन मामलों की जांच कर रही है. इरफ़ान सोलंकी के ख़िलाफ़ पुराने मामलों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने अपनी शुरूआती जांच में पुलिस को मिलीं 13 शिकायतों में से चार को 'गंभीर' बताया है. पिछले हफ़्ते आगज़नी के एक मामले में इरफ़ान और उनके भाई रिज़वान सोलंकी को जेल भेज दिया गया था.


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शुरूआती जांच में पुलिस को मिलीं 13 शिकायतें
एसआईटी सूत्रों ने बताया कि संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने एसआईटी के साथ मीटिंग की और सभी 13 शिकायतों में इल्ज़ामात की बारीकी से जांच की गई. जांच के बाद एसआईटी ने 13 में से चार शिकायतों को गंभीर मानकर जांच करने का फैसला लिया है. इन शिकायतों में फ़र्ज़ी तरीक़े से पैसे लेने और ओहदे का ग़लत इस्तेमाल करके धमकी देने, ज़मीन की ख़रीद में फ़र्ज़ी तरीक़े से पैसे ऐंठने और रंगदारी मांगने के आरोप शामिल हैं, हालांकि पुलिस ने शिकायत करने वालों की पहचान ज़ाहिर नहीं की है.


2 दिसंबर को किया था सरेंडर
शिकायत दर्ज कराने वाले सभी लोगों ने एमएलए इरफ़ान सोलंकी पर लगे इल्ज़ामात की हिमायत में पुलिस को पुख़्ता सबूत पेश किए हैं. पुलिस पहले इन चारों शिकायतों की जांच करेगी. इल्ज़ामात सही पाए जाने पर विधायक के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया जा सकता है. आगज़नी मामले में कई दिनों तक फ़रार रहने के बाद इरफ़ान और उनके भाई रिज़वान ने 2 दिसंबर की सुबह कानपुर में पुलिस कमिश्नर के घर पर पहुंचकर सरेंडर कर दिया था. बीते एक महीने से ज़मीन विवाद में एक महिला को कथित रूप से परेशान करने और उसके घर में आग लगाने के इल्ज़ाम में पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया था और तब से वह फरार चल रहे थे. 


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