ताउम्र जनवादी राजनीति करने वाले सीताराम येचुरी मरकर भी आएंगे अवाम के काम, परिवार ने लिया बड़ा फैसला
Sitaram Yechury Death: CPI (M) के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. आज उनका दोपहर 3 बजकर 5 मिनट पर निधन हो गया. वह सांस संबंधित बीमारी से पीड़ित थे. निधन के बाद परिवार ने बड़ा फैसला किया है.
Sitaram Yechury Death: CPI (M) के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी का आज यानी 12 सितंबर को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. उनके निधन के बाद परिवार ने बड़ा फैसला लेते हुए सीताराम येचुरी के पार्थिव शरीर को दिल्ली एम्स को दान कर दिया.
परिवार ने शरीर किया दान
CPI (M) के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी 72 साल के थे. आज ही उनका दोपहर 3 बजकर 5 मिनट पर निधन हो गया. वह सांस संबंधित बीमारी से पीड़ित थे. उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था. एम्स ने बयान जारी कर कहा कि 72 साल के सीताराम येचुरी को निमोनिया के कारण 19 अगस्त 2024 को एम्स में भर्ती कराया गया था और 12 सितंबर 2024 को दोपहर 3:05 बजे उनका निधन हो गया. परिवार ने उनके पार्थिव शरीर को शिक्षण और शोध उद्देश्यों के लिए एम्स दिल्ली को दान कर दिया है.
इस वजह से हुआ निधन
एम्स सूत्रों के मुताबिक, फेफड़ों में संक्रमण और कई अंगों के काम करना बंद कर देने की वजह से उनका निधन हुआ.येचुरी भारत में वामपंथ के सीनियर नेताओं में से एक थे. उन्होंने ऐसे समय में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का नेतृत्व किया था, जब भारतीय राजनीति में पार्टी का दबदबा कम हो गया था. सिताराम येचुरी काफी वक्त तक भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे. इस दौरान वो कई बार राज्यसभा सांसद भी रहे हैं. येचुरी ने राज्यसभा में अपनी पार्टी की अगुआई भी की है.
सीताराम येचुरी ने लिखी कई किताबें
सीताराम येचुरी राजनेता के साथ-साथ समाजसेवी, अर्थशास्त्री, पत्रकार और लेखक भी थे. राजनीतिक दस्तावेज तैयार करने में उनकी राय सर्वोपरि मानी जाती है. कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के साथ मिलकर उन्होंने 1996 में संयुक्त मोर्चा सरकार के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार किया था. वे लंबे समय से अखबारों में कॉलम लिखते रहे हैं. उन्होंने कई किताबें भी लिखीं, जिनमें 'लेफ्ट हैंड ड्राइव', 'ये हिंदू राष्ट्र क्या है', 'घृणा की राजनीति' (हिंदी में), '21वीं सदी का समाजवाद' शामिल हैं.